ठंड में ज्यादा सिकुड़ जाती हैं नसें
ठंड के मौसम का इंसान में शरीर पर काफी असर पड़ता है, ऐसे में शरीर की नसें दीगर मौसम की अपेक्षा ज्यादा सिकुड़ जाती हैं, कभी-कभी तो नसें हार्ड भी हो जाती हैं। इसी लिए नसों को सॉफ्ट और एक्टिव रखने के लिए खून का संचार काफी बढ़ जाता है, ज़ाहिर है ऐसे में शरीर का ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। और ब्लड प्रेशर बढ़ने से अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ल की बीमारी से पीड़ितों को इन तीन बातों का हमेशा रखना चाहिए ध्यान
1. ज्यादा पानी से करें परहेज
हार्ट ब्लड के साथ शरीर में लिक्विड को नसों में दौड़ाता है। जानकार मानते हैं जो दिल की बीमारी से पीड़ित होते हैं उनके हार्ट को पम्प करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यदि कोई पीड़ित सामान्य से ज़्यादा पानी पीता है तो हार्ट को ब्लड सर्कुलेशन के लिए सामान्य से ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए पानी का सेवन कम करें।
2. खाने में नमक की मात्रा घटादें
हार्ट की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को खाने में नमक की मात्रा कम करनी चाहिए, इसकी वजह यह है कि नमक ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है और नमक शरीर से पानी कम निकलने देता है जिससे ज्यादा लिक्विड हो जाता है और जितना ज्यादा लिक्विड होगा हार्ट को उतनी मेहनत करनी पड़ती है लिहाजा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट की बीमारी से जूझ रहे लोगों को कड़ाके की ठंड से बचना चाहिए, ज्यादा सुबह सैर पर जाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल ठंड में इंसान की नसें सिकुड़ी रहती हैं ऐसे में ठंडे वातावरण के विपरीत कड़ाके की ठंड से शरीर को बचाने के लिए हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। लिहाजा ऐसे में सूर्योदय के बाद वॉक पर निकलना फायदेमंद होता है।