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LIGHT POLLUTION : जानिए, इंसान और जानवरों के लिए क्यों खतरनाक है रात में रोशनी की जगमग

-प्रकाश प्रदूषण से इंसान की सर्केडियन क्लॉक प्रभावित होती है, जिससे अवसाद, अनिद्रा और हृदय रोगों की आशंका रहती है

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Pushpesh Sharma

Jan 21, 2021

LIGHT POLLUTION : जानिए, इंसान और जानवरों के लिए क्यों खतरनाक है रात में रोशनी की जगमग

कृत्रिम प्रकाश का अत्यधिक प्रयोग प्रकाश प्रदूषण को जन्म देता है।

दुनिया में प्रकाश का अपना महत्व है। दिन में सूर्य इसका प्राकृतिक स्रोत है, लेकिन रात में ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर निर्भरता बढ़ जाती है। क्या आप जानते हैं कृत्रिम प्रकाश का अत्यधिक और अवांछित प्रयोग प्रकाश प्रदूषण को जन्म देता है। इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन का कहना है कि अनावश्यक रोशनी से ऊर्जा, धन और सेहत को नुकसान है। अमरीका में हर वर्ष प्रकाश से 2.1 करोड़ टन कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ही मानव और जीव-जंतुओं पर बुरा असर डालती है।

इंसानों पर असर
कृत्रिम प्रकाश से इंसान की सर्केडियन क्लॉक यानी आंतरिक घड़ी प्रभावित होती है। जिससे हमारे शरीर में हार्मोन के उत्पादन, कोशिकाओं के विनियमन और अन्य जैविक गतिविधियों को नुकसान पहुंचता है। इसकी वजह से अनिद्रा, अवसाद, हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।

जीवों पर असर
परिंदे अक्सर बिजली के प्रकाश से विचलित हो जाते हैं। कई बार इमारतों से टकराकर जख्मी भी हो जाते हैं। चांद की रोशनी के अभ्यस्त प्रवासी समुद्री कछुए और झिंगुर की लय भी बिगड़ जाती है।

क्या है सर्केडियन क्लॉक :यह शरीर की जैव रासायनिक प्रक्रिया या आंतरिक घड़ी है, जो सौर समय के अनुकूल चलती है।