क्या आपने कभी इस बारे में गहनता से जानने की कोशिश की है कि, क्यों कुछ लोग आसानी से अपना वजन कम कर लेते हैं और कुछ खूब मशक्कत करने के बाद भी जल्दी मोटापे पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं अथवा कुछ लोग बड़ी जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और हम में से ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने शरीर की चाहे ज्यादा देखभाल ना करें पर जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं। अगर इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो वह आपके ब्लड ग्रुप में ही छुपा है।
आपको बता दें कि हम अपने ब्लड ग्रुप को जानकर हमारे शरीर की रोगों के प्रति संवेदनशीलता, भोजन के प्रति प्रतिक्रिया एवं तनाव के प्रति हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया आदि ऐसी कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे फिंगरप्रिंट अद्वितीय होते हैं, उसी प्रकार रक्त की एक मात्र बूंद में यूनीक जैव रासायनिक मिश्रण होता है। तो आइए जानते हैं अपने ब्लड ग्रुप के बारे में पता होना हमें किन अन्य जानकारियों से रूबरू करा सकता है:
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• तनाव के प्रति हमारी प्रतिक्रिया
अलग-अलग ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तनाव के प्रति प्रतिक्रिया भी भिन्न होती है। तो उसके अनुसार ‘ए’ टाइप ब्लड ग्रुप वाले लोगों के शरीर में पहले से ही तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर अधिक होता है। और जब उन्हें कोई परेशानी अथवा तनाव होता है, तो उस स्थितियों की प्रतिक्रिया में ये इसका और अधिक उत्पादन करने लगते हैं। वहीं बात अगर ‘ओ’ टाइप ब्लड ग्रुप वाले लोगों की करें तो उनमें तनाव के प्रति उत्तेजित प्रतिक्रिया होती है। जिससे ऐसे लोगों में एड्रेनालाईन का अधिक उत्पादन होता है। इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों को तनाव से निकलने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है, क्योंकि उन्हें अपने शरीर से एड्रेनालाईन को निष्पादित करने में अधिक कठिनाई होती है।
• बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता
एक अध्ययन में पाया गया है कि, ब्लड ग्रुप के अनुसार कुछ लोगों में कुछ विशेष प्रकार की बीमारियों का उच्च जोखिम हो सकता है। यानी ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग का खतरा कम होता है। परंतु ‘ओ’ ब्लड ग्रुप लोगों में पेट के अल्सर जैसी बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा ब्लड ग्रुप ‘ए’ वाले लोगों में सूक्ष्म संक्रमण का खतरा तो अधिक हो सकता है, परंतु इस ब्लड ग्रुप वाली महिलाओं में प्रजनन क्षमता बेहतर होती है। साथ ही टाइप ‘एबी’ और ‘ए’ वाले लोगों में अग्नाशय के कैंसर के विकसित होने का उच्च जोखिम होता है।
• खाने के प्रति प्रतिक्रिया
हालांकि हम सभी के खाने की आदत अथवा पसंद-नापसंद भिन्न-भिन्न या एक समान हो सकती है, परंतु एक बात बहुत स्पष्ट है कि हर व्यक्ति को एक ही तरह की पोषण की आवश्यकता नहीं होती है। हम सभी की पोषण की अपनी अलग जरूरतें होती हैं। हम में से कई लोग शाकाहारी होते हैं और तो कुछ मांसाहार का भी सेवन करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, पोषण संबंधी आवश्यकताओं को भी हमारे ब्लड ग्रुप के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।