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World Kidney Day : ऐसे बचाएं किडनी की बीमारियों से, जानिए लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

World Kidney Day : आइए जानते हैं किडनी से जुड़ी कुछ ऐसी जरूरी बातों के बारे में जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है।

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Sunil Sharma

Mar 11, 2021

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World Kidney Day : हमारे शरीर में किडनी का काम गंदगी को बाहर निकालना होता है। यदि किसी कारण से दोनों किडनियों में से एक भी काम करना बंद कर दें तो हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरा हो सकता है। आइए जानते हैं किडनी से जुड़ी कुछ ऐसी जरूरी बातों के बारे में जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है।

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किडनी की बीमारियों में क्या लक्षण होते हैं
किडनी से जुड़ी बीमारियों सीधे ही हमें नजर आती वरन उनके कुछ लक्षण होते हैं, जिनके आधार पर डॉक्टर चैकअप और दूसरे मेडिकल टेस्ट्स करवाने की सलाह देते हैं। बीमारी होने पर ब्लड या यूरिन टेस्ट करके भी किडनी डिजीजेज का पता लगाया जा सकता है। क्रोनिक किडनी रोग के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-

- मूत्र का रंग गहरा होना
- एडिमा सूजे हुए पैर, हाथ और टखने (एडिमा के गंभीर होने पर चेहरा भी सूज जाता है।)
- थकान रहना
- हाई ब्लड प्रेशर
- एनीमिया (खून की कमी)
- भूख काम लगना
- मूत्र में रक्त आना
- मूत्र की मात्रा में कमी आना
- त्वचा में लगातार खुजली होना
- जल्दी जल्दी पेशाब आना (विशेष रूप से रात में)
- मांसपेशियों में ऐंठन तथा झनझनाहट होना
- जी मिचलाना
- शरीर के वजन में अचानक बदलाव आना
- अचानक सिरदर्द होना

क्रोनिक किडनी रोग के कारण
किडनी का काम फिल्ट्रेशन करना होता है। इसके लिए प्रत्येक किडनी में लगभग 1 मिलीयन सूक्ष्म फिल्टरिंग यूनिट्स होती हैं जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। इन नेफ्रॉन्स के क्षतिग्रस्त होने का किडनी पर दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसा कई कारणों से भी हो सकता है, उदाहरण के लिए कुछ एंटीबॉयोटिक्स, कई अन्य प्रकार की दवाईयां, पानी में पाए जाने वाले भारी तत्व तथा केमिकल्स (इनमें ईंधन, सॉल्वेंट्स (जैसे कार्बन टेट्राक्लोराइड), सीसा और इससे बन पेंट, पाइप और सोल्डरिंग सामग्री शामिल हैं) जैसी चीजें किडनी पर सीधे असर डालती हैं।

इनके अलावा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से भी नेफ्रॉन पर असर पड़ता है। यही वह कारण है कि किडनी की बीमारी के अधिकांश केसेज में पेशेंट को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी भी देखी जाती है। हालांकि डॉक्टर्स के अनुसार डायबिटीज होने के बाद लगभग 10 से 15 साल में किडनी पर असर पड़ने की संभावना अधिकतम होती है।

कुछ लोग मूत्र प्रवाह को भी रोकने का प्रयास करते है जिससे वह मूत्राशय में जमा हो जाता है। यह रुका हुआ मूत्र किडनी पर अतिरिक्त प्रेशर बना कर उसकी फिल्टरिंग कैपेसिटी पर सीधा असर डालता है। मलेरिया जैसी बीमारियां भी किडनी को प्रभावित करती हैं। यदि किसी कारण से किडनी पर कोई बाहरी या अंदरुनी चोट लग जाए तो भी किडनी डैमेज हो सकती है।

Kidney Diseases से ऐसे बचाएं खुद को
किडनी से संबंधित बीमारियों को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है हालांकि कुछ सावधानियां रख कर आप किडनी रोग के खतरे को न्यूनतम कर सकते हैं। अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर है या डायबिटीज है तो आपको उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए पौष्टिक आहार लेते रहें। समय-समय पर अपना मेडिकल चैकअप करवाते रहें। शराब तथा ड्रग्स का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें। विषैले केमिकल्स से दूर रहें।