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103 साल की बुजुर्ग महिला को था Corona, अस्पताल से निकलते ही हाथों में बनवाया टैटू, रखती है बड़े शौक

Highlights- 103 साल की इस बुजुर्ग महिला को जैसे ही अस्पताल से छुट्टी मिली वह तुरंत एक टैटू आर्टिस्ट (Tattoo artist) के पास पहुंची और हाथ पर मेंढक (Frog) का टैटू (Tattoo) बनवा लिया- इस बुजुर्ग महिला का नाम डोरोथी पोलॉक (Dorothy Pollock) है- जो कुछ समय पहले कोरोना वायरस का शिकार हुई थी, अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था

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103 साल की बुजुर्ग महिला को था Corona, अस्पताल से निकलते ही हाथों में बनवाया टैटू, रखती है बड़े शौक

103 साल की बुजुर्ग महिला को था Corona, अस्पताल से निकलते ही हाथों में बनवाया टैटू, रखती है बड़े शौक

नई दिल्ली. बुढ़ापा, जिंदगी का एक सच है, या यूं कहा जाए कि एक डरावना सच है। बुढ़ापा जिंदगी का एेसा पड़ाव है जो सबकी जिंदगी में आता है। आज कई लोग एेसे हैं, जो अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते हैं और समय से पहले ही बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं। उनका शरीर कमजोर हो जाता है, दांत कमजोर होना, गाल अंदर बैठना, जल्दी थक जाना, चेहरा निस्तेज हो जाना, पाचन-तंत्र बिगड़ जाना, आंखें कमजोर होना।

वह अपने आपको पूरी तरह बुजुर्ग समझ लेते हैं, लेकिन अमेरिका (America) में एक 103 साल की बुजुर्ग महिला (103 years old woman) है जो अभी भी जवान है। वह खुद को बुढ़ी नहीं समझती। शरीर से लेकर शौक तक कर मामले में फिट है।

अस्पताल से छुट्टी मिलते ही हाथ में बनवाया टैटू

खास बात यह है कि 103 साल की इस बुजुर्ग महिला को जैसे ही अस्पताल से छुट्टी मिली वह तुरंत एक टैटू आर्टिस्ट (Tattoo artist) के पास पहुंची और हाथ पर मेंढक (Frog) का टैटू (Tattoo) बनवा लिया।

कोरोना का शिकार हुई थी बुजुर्ग महिला

इस बुजुर्ग महिला का नाम डोरोथी पोलॉक (Dorothy Pollock) है। जो कुछ समय पहले कोरोना वायरस का शिकार हुई थी। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। डोरोथी पोलॉक को आइसोलेशन में रखा गया था।

क्या कहती हैं डोरोथी

डोरोथी के मुताबिक मेरे पोते अक्सर टैटू बनवाने के लिए कहते थे। पर मैं नहीं मानी, लेकिन अस्पताल में रहकर मुझे एहसास हुआ कि जिंदगी का कोई भी शौक अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। इसलिए मैंने मेंढक का टैटू गुदवा लिया।

16 जून को हुई 103 साल की

एक रिपोर्ट के मुताबिक डोरोथी पोलॉक 16 जून को 103 साल की हुईं। कोरोना वायरस की वजह से वो अपने जन्मदिन पर अस्पताल में रहीं। उन्हें अमेरिका के एक मिशीगन स्थित अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया था।


बुजुर्ग दादी की पोती Teresa Zavitz का कहना है कि कोविड 19 मेरी दादी के लिए जेल साबित हुआ। हमारे घर जो नर्स उनकी देखभाल के लिए आती थी उसने बताया कि वो काफी परेशान हैं। दादी को ठीक से सुनाई नहीं देता इसलिए फोन पर भी उनसे बात नहीं हो पाती थी। दादी जब नर्सिंग होम से निकली तो उन्होंने कहा कि वो टैटू करवाना चाहती हैं।

वहीं दादी ने कहा, पहले मेरे पोते मुझे बोलते थे तब मैं नहीं करवाना चाहती थी। पर अब मुझे टैटू करवाने की इच्छा हुई। मुझे मेंढक बहुत पसंद है इसलिए मैंने मेंढक का टैटू बनवाया।