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वो 5 आईएएस ऑफीसर जिन्होंने किए समाज के लिए बेहतरीन काम, जानकर ठोकेंगे सलाम

आईएएस ऑफीसर जिन्होंने समाज के लिए किए बेहतरीन काम कई अफसरों के इसके चलते हुए तबादले जानें उन प्रेरणादायक शख्सियतों के बारे में

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Priya Singh

Aug 16, 2019

5 civil servants

नई दिल्ली। साल 2017 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि इतने लोग इस परीक्षा में इसलिए बैठते हैं ताकि उन्हें ये नागरिक सेवा के दौरान भत्ता मिल सके। साथ ही इसमें 100 प्रतिशत जॉब सिक्योरिटी भी है और समाज के लिए काम करना का मौका भी मिलता है। लेकिन कई उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो अपनी ड्यूटी को सबसे आगे रखते हैं और समाज के लिए दिन रात-काम करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे सिविल सेवाओं में सबसे प्रेरणादायक शख्सियतों के बारे में जो कर रहे हैं निस्वार्थ भावना से समाज सेवा।

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1- तुकाराम मुंढे

IAS ऑफिसर तुकाराम मुंढे ऐसे अधिकारी हैं जिनका 12 साल की सर्विस में 9 बार ट्रांसफर हो चुका है। इन 9 तबादलों के दौरान वे जहां कहीं जिस शहर में गए, वहां लोगों ने महसूस किया कि उन्हें तुकाराम जैसी अधिकारी की ही ज़रूरत थी। वे जहां भी ट्रांसफर होकर जाते हैं वहां के लोगों की कार्यशैली बदल जाती है।

2- IAS ऑफिसर आर्मस्ट्रॉन्ग पेम

आर्मस्ट्रॉन्ग पेम को दूसरा मांझी कहा जाता है। मणिपुर के दूरस्थ इलाके के दो गांव टूसेम और तमेंगलॉन्ग तक जाने के लिए सड़क नहीं थी। जिससे वहां के लोग विकास से अछूते थे। उनकी परशानी को देखते हुए 2009 बैच के IAS ऑफिसर आर्मस्ट्रॉन्ग पेम ने बिना सरकारी मदद लिए 5 साल पहले बिना किसी सरकारी सहायता के 100 किलोमीटर लंबी सड़क बनवा दी। जिसे पीपल्स रोड का नाम से बुलाया जाता है।

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3- महिला IAS रितु माहेश्वरी

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC) ग्रेजुएट रितु माहेश्वरी को 2011 में केस्को के प्रमुख अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। कभी 'भारत का मैनचेस्टर' कहा जाता था, आज बिजली कटौती की भयंकर समस्या से जूझ रहा है। जल्द ही उन्होंने यहां कंपनी के एक-तिहाई ग्राहकों के यहां नए मीटर लगवाए, जिससे बिजली चोरी करना मुश्किल हो गया। रितु माहेश्वरी ने यहां के लोगों को बिजली कटौती की परेशानी से निजात दिलाई।

4- डीसी राजप्पा

डीसी राजप्पा ने पुलिसकर्मियों को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से कविताएं लिखने के लिए प्रोत्साहित किया, और कर्नाटक में 500 पुलिसकर्मियों के अंदर छिपे हुए कवि को बाहर लाने का काम किया।

5- पी नरहरि

42 वर्ष की आयु में, पी नरहरि ने विकलांगों, भारतीय बुनियादी ढांचे को सुलभ बनाने के साथ-साथ खुले में शौच न करने की पहल में काम किया। इन कामों के लिए उन्हें 40 से अधिक पुरस्कार भी मिले हैं।