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टेस्ट के नाम पर हो रही थी बर्बरता, बंदरों को लोहे की हार्नेस से बांध किया जा रहा था जुल्म

Cruelity with animals : जर्मनी के मीनेनबुटेल स्थित एक प्रयोगशाला में टेस्ट के नाम पर हो रही थी बर्बरता
एक गैर सरकारी संस्था के स्टिंग आपरेशन में हुआ मामले का खुलासा

नई दिल्लीJan 20, 2020 / 03:31 pm

Soma Roy

Cruelity with animals

Cruelity with animals

नई दिल्ली। अक्सर पशुओं के साथ क्रूर बर्ताव के किस्सों के बारे में आपने सुना होगा। मगर जर्मनी के मीनेनबुटेल स्थित एक प्रयोगशाला (laboratory) में टेस्ट के नाम पर जानवरों के साथ बर्बरता की जाती थी। यहां सबसे ज्यादा जुल्म बंदरों पर होते थे। इसके बाद बिल्ली और कुत्तों को भी लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। बेजुबानों पर होने वाले इस निर्दयी व्यवहार को देख सरकार ने प्रयोगशाला का लाइसेंस (license) रद्द कर दिया है। साथ ही इसे बंद करने का आदेश दिया है।
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जर्मनी के हैमबर्ग शहर के नजदीक मीनेनबुटेल कस्बे में द लेबोरेटरी ऑफ फॉर्मेकोलॉजी एंड टॉक्सिकोलॉजी नामक प्रयोगशाला है। यहां किसी भी प्रकार की बीमारी या दवाओं का परीक्षण सबसे ज्यादा होता बंदरों पर होता था। बंदर प्रयोग के दौरान भाग न जाए इसलिए उन्हें धातुओं के हार्नेस में जकड़ दिया जाता था। उनकी गर्दन, हाथ और पैर बांध दिए जाते थे।
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इतना ही नहीं उनके सीने पर प्रयोग से संबंधित कोड नंबर लिखे जाते थे। इस वजह से कई बार उनका दम घुटने लगता था। जानवरों पर हो रहे इस अत्याचार का खुलासा गैर सरकारी संस्था क्रुएलिटी फ्री इंटरनेशनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए किया। जर्मनी की सरकार ने इस प्रयोगशाला की लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब इस प्रयोगशाला के संचालकों पर पशु क्रूरता कानून के तहत केस चलाया जाएगा।

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