
Acid attack survivor Laxmi with daughter pihu
नई दिल्ली। एसिड अटैक सवाईवर(acid attack survivor) लक्ष्मी अग्रवाल (laxmi agarwal) को आज पूरी दुनिया जानती हैं। लोग उनके जज्बे को सलाम करते हैं। उनके संघर्ष की इसी कहानी को हाल ही में रिलीज हुई मूवी छपाक में दर्शाया गया है। मगर क्या आपको पता है दुनिया के सामने स्ट्रांग दिखने वाली लक्ष्मी को हादसे से उबर जाने के बाद भी एक बार वैसा ही डर महसूस हुआ था।
लक्ष्मी का कहना है कि डिलीवरी (delhivery) के समय उन्हें वैसा ही डर लगा था जैसा एसिड अटैक के समय था। उन्हें लग रहा था कहीं उनका बच्चा उनसे नफरत न करने लगे। क्योंकि हादसे के बाद से उनकी शक्ल बहुत भयानक हो गई थी। वो खुद शीशा देखने से कतराती थीं। ऐसे में उनकी नन्हीं-सी जान उनसे कैसे जुड़ाव महसूस करेंगी। मगर उनकी बेटी पीहू (daughter pihu) के जन्म के बाद से उनकी ये सारी टेंशन दूर हो गई। लक्ष्मी कहती हैं कि उनकी बेटी जबसे उनकी जिंदगी में आई है वो सब कुछ भूल गई हैं। अब वो ही उनकी दुनिया है। वो नहीं चाहती हैं कि जैसा दर्दनाक हादसा उनके साथ हुआ वो उनके साथ हो, इसलिए वो अपनी बेटी को मजबूत बनाना चाहती हैं।
मालूम हो कि साल 2005 में लक्ष्मी के साथ ये खौफनाक हादसा हुआ था। उस वक्त लक्ष्मी महज 13 साल की थीं। उन्होंने अपने से उम्रदराज शख्स के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। जिससे नाराज 32 वर्षीय नईम खान ने उन पर तेजाब फेंक दिया था। जिसके चलते लक्ष्मी को चार दिनों तक वेंटीलेटर पर गुजारना पड़ा था। लक्ष्मी का कहना है कि जिस वक्त उन पर तेजाब फेंका गया था तब उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनकी खाल किसी प्लास्टिक की तरह पिघलकर गिर रही है। अपने साथ हुए इस हादसे से उबरने के बाद लक्ष्मी ने तेजाब को पब्लिकली बैन किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी।
Updated on:
16 Dec 2019 11:54 am
Published on:
16 Dec 2019 11:53 am
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