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एशिया की सबसे लंबी टू-वे टनल, ऊंचाई 1578 फीट और टेम्परेचर माइनस 20 डिग्री

दुनिया के खतरनाक रास्ते में से एक जोजिला दर्रा एशिया की सबसे लंबी टनल तैयार हो रही है।निर्माण में 33,000 टन स्टील, 4250 टन विस्फोटक और 3.5 लाख मीट्रिक टन कंक्रीट।

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zojila tunnel

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नई दिल्ली। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के चक्कर लगा जाने में बहुत सारा समय और डीजल खर्च होता है। कई जगह इन पहाड़ियों को काटकर रास्ता बनाया जाता है। हालांकि इन रास्तों से कुछ राहत मिली है लेकिन यह बहुत ही जोखिम भरा है। कई जगह पहाड़ों के बीच में टनल बनाई जा रही है। आपको बता दें कि एशिया की सबसे लंबी टू वे टनल अपने देश में बनाई जा रही है। यह श्रीनगर और लद्दाख को जोड़ने वाले दुनिया के खतरनाक रास्ते में एक जोजिया दर्रा पर है। करीब 14.150 किमी लंबी इस टनल के निर्माण के बाद भारी बर्फबारी के बावजूद लद्दाख पहुंचना आसान होगा।

एशिया की सबसे लंबी टनल
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद बॉर्डर पर सड़कें बिछाने का काम जारी है। वहीं, श्रीनगर और लद्दाख को जोड़ने वाले दुनिया के खतरनाक रास्ते में से एक जोजिला दर्रा पर एशिया की सबसे लंबी टनल तैयार हो रही है। टनल के निर्माण पर 33,000 टन स्टील के साथ 4250 टन विस्फोटक और 3.5 लाख मीट्रिक टन कंक्रीट लगेगा। इस टनल के बनने के बाद भारत की सरहद पर चौकसी आसान हो जाएगी।

बेहद खतरनाक रास्ता
ऐसा माना जा रहा है कि टनल का एक हिस्सा इसी साल खोला जाएगा। अभी लद्दाख तक पहुंचना आसान नहीं होता। कश्मीर की द्रास घाटी और लद्दाख को जोड़ने वाला 108 किमी जोजिल दर्रा बेहद खतरनाक है। कुछ जगहों पर तो यह मौत के किसी सरकस से कम नहीं है। यह 443 किमी लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग का हिस्सा है। यह मार्ग आधे साल बंद रहता है।
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जल्द ही पूरा होगा काम
इन रास्तों पर चलना मौत को निमंत्रण देना जैसा है क्योंकि एक तरफ ऊंची-ऊंची पहाड़ियां, तो दूसरी ओर गहरी खाइयां। यहां चलने वालीं बर्फीली हवाएं अच्छे-खासों का जोश ठंडा कर देती हैं। भारतीय सेना जोखिम उठाकर सरहद की सुरक्षा करने वहां पहुंचती है। चीन की हरकतों को देखते हुए टनल के निर्माण को जल्द पूरा करने की योजना है।

टनल 1,578 फीट की ऊंचाई पर
यह टनल 1,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस समय यहां टेम्परेचर माइनस 20 डिग्री है। जोजिला टनल को पूरा करने इस समय यहां 150 इंजीनियर साजो-सामान के साथ मौजूद हैं। सोनमर्ग में 6.5 किमी लंबी जेड मोड़ टनल का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। यहां 70 से अधिक अफसर तैनात हैं। चीन की हरकतों को देखते हुए टनल को तीन साल के बजाय इसी साल पूरा करने का लक्ष्य है।