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शांति का नोबेल पाने वाली Aung San Suu Kyi के दामन में खून के दाग, उनके कार्यकाल में मारे गए थे कई रोहिंग्या

locationनई दिल्लीPublished: Jun 19, 2019 12:49:34 pm

Submitted by:

Priya Singh

Aung San Suu Kyi का जन्मदिन है आज
Nobel Peace Prize विनर आंग सान सू पर लगे थे कई रोहिंग्या की हत्या के आरोप

Birthday special nobel prize winner Aung San Suu Kyi

शांति का नोबेल पाने वाली Aung San Suu Kyi के दामन में खून के दाग, उनके कार्यकाल में मारे गए थे कई रोहिंग्या

नई दिल्ली। कई साल कैद और घर में नजरबंद रहने के बावजूद दुनिया में आजादी का प्रतीक बनकर उभरीं आंग सान सू की ( Aung San Suu Kyi ) का जन्म 19 जून 1945 में हुआ था। आंग सान सू ने बर्मा में लोकतंत्र की स्थापना के लिए काफी संघर्ष किया था। वे बर्मा के राष्ट्रपिता आंग सान की बेटी हैं जिनकी 1947 राजनीतिक हत्या कर दी गई थी। 1991 में शांति का नोबेल पुरस्कार ( Nobel Prize ) पाने वाली आंग सान सू को करीब 15 साल उनके ही घर में नज़रबंद रखा गया था। उन्हें 1992 में भारतीय पुरस्कार जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार ( Jawaharlal Nehru Award for International Understanding ) से भी सम्मनित किया गया।

nobel prize winner Aung San Suu Kyi

लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

बीते साल रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ म्यांमार की सेना की ओर से किए अत्याचारों पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर आंग सान सू के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। कई देशों में उनको मिले नोबेल पुरस्कार को वापस करने की मांग की गई थी। बीते साल संयुक्त राष्ट्र से आई एक रिपोर्ट में म्यांमार की सेना पर रोहिंग्या मुसलमानों की बड़े पैमाने पर हत्याओं के आरोप लगाए गए थे।

San Suu Kyi

आंग सान सू ने कहा- रोहिंग्या मुसलमानों से हमें है खतरा

कई मीडिया रिपोर्ट्स में आंग पर आरोप लगाए गए थे कि रोहिंग्या समुदाय पर हो रहे अत्याचार आंग सान सू के कार्यकाल में ही हुए। रोहिंग्या समुदाय पर म्यांमार की सेना द्वारा किए गए अत्याचार पर तत्कालीन स्टेट काउंसिलर आंग सान सू का बयान आया था कि ‘हम आलोचनाओं से नहीं डरते, रोहिंग्या मुसलमानों ने देश पर हमले किए।’ आंग ने कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए थे। इसलिए हमने उन्हें म्यांमार से खदेड़ दिया।’

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