
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से जहां आधी दुनिया परेशान है वहीं इससे बचाव के लिए सैनेटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। क्योंकि बिना पानी के कही भी आसानी से हाथों को साफ करने का ये सबसे बेहतर तरीका है। हर कोई खुुद को संक्रमण से बचाने के लिए सैनेटाइजर (Sanitizer) का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन क्या आपको पता है इस नायाब चीज की खोज एक महिला ने कोरोना के खतरे से काफी साल पहले ही कर दी थी। तभी इन दिनों सोशल मीडिया (Social media) पर वह काफी सुर्खियों में हैं।
सैनेटाइजर बनाने की सबसे पहले शुरुआत लूप हेरनाडेज (Lupe Hernadez) ने साल 1966 में की थी। आज से करीब 53 साल पहले ही उन्होंने दुनिया को ये नायाब तोहफा बनाकर सौंपा था। उनके इसी काम की आज लोग सराहना कर रहे हैं। कोरोना के कहर से सैनेटाइजर की मांग घर-घर तक पहुंच गई है। लोग इसकी अहमियत समझने लगे हैं। तभी सोशल मीडिया पर लोग हेरनाडेज को सैनेटाइजर बनाने के लिए शुक्रिया कह रहे हैं। लोग ट्विटर पर कमेंट्स के जरिए उनका आभार प्रकट कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने लिखा कि वे उस महिला के कर्जदार हैं। जबकि अन्य लोगों ने लिखा कि भविष्य की जरूरत को समझकर हेरनाडेज ने जो खोज की है वो अविश्वसनीय है।
मालूम हो कि लूप हेरनाडेज कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड शहर की रहने वाली हैं। वो नर्सिंग की स्टूडेंट थीं। उन्होंने पेशेंट्स के पास डॉक्टरों के जाने से पहले एक ऐसा लिक्विड बनाने का सोचा था, जिससे वे सक्रमण से बचे रहें। तभी एक दिन वो अल्कोहल जेल को हाथ में मसलकर देख रही थीं तभी वह कीटाणुओं को मारते हुए इवोपरेट हो गया था। इसी के जरिए हेरनाडेज को सैनेटाइजर बनाने का आइडिया आया था।
Published on:
22 Mar 2020 07:50 am
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