येल स्कूल ऑफ मेडिसिन, बोर्ड इंस्टिट्यूट और MIT और हावर्ड यूनिवर्सिटी ने एक शोध में दावा किया है कि Sars-CoV-2 को फैलने के लिए मदद करने वाले जीन ( Genes ) को खोज लिया गया है। वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे जीन का पता लगाया है जो वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में सार्स-सीओवी-2 को फैलने में सहायता करते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि शरीर में जो कोशिकाएं प्रभावित होती हैं, वह कोरोना संक्रमण को फैलने या उसे रोकने के लिए जीन का काम करती है। शोधकर्ताओं ने इन जीन को एडिटिंग टूल CRISPR-Cas9 के ज़रिये ट्रैस करने का दावा किया है।
बंदरों पर हुआ रिसर्च
17 जून को BioRxiv पत्र में छपी इस स्टडी के अनुसार दुनिया भर में वैज्ञानिक कोरोना वायरस को डिकोड करने के लिए लगातार अध्ययन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस शोध को अफ्रीकन ग्रीन मंकी की कोशिकाओं पर किया। वैज्ञानिकों ने कुछ जीन इनकी कोशिकाओं में डाले, फिर उन्हें कोरोना वायरस के साथ संक्रमित कर दिया गया। इसके बाद ट्रैस किया गया कि कौन से जीन वायरस के फैलने में मदद करते हैं। बता दें कि इन्हें प्रो वायरल कहते हैं। वहीं, कौनसे जीन वायरस से लड़ने में मदद कर रहे हैं, जिन्हें एंटी वायरल कहते हैं।
वैक्सीन बनाने में मिलेगी मदद
शोधकर्ताओं ने कहना है कि इस स्टडी से कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इंसानों के शरीर में रोगाणु कैसे बर्ताव करते है, इसे समझने में मदद मिल सकेगी। वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं के अंदर वायरस की प्रक्रियाओं को समझने वाले इस अध्ययन में HMGB1 नामक प्रोटीन को भी देखा गया, जो इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट करने में मददगार पाया गया।