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Coronavirus: चाय के साथ लेंगे हरड़ तो कोरोना होगा दूर? शोध में हुआ खुलासा

locationनई दिल्लीPublished: Jul 03, 2020 03:45:41 pm

-देशभर में कोरोना का संक्रमण ( Coronavirus ) तेजी से फैलता जा रहा है। -कोरोना से लड़ने के लिए इन दिनों Immunity Boosters की मांग काफी बढ़ी है। -विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के मुताबिक, कोरोना से लड़ने में Immunity Boosters का काफी अहम योगदान होता है। -भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT Delhi ) दिल्ली के एक नए अध्ययन में पता चला है कि चाय भी कोरोना वायरस ( Coronavirus Research ) से लड़ने में सक्षम है।

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Coronavirus: चाय के साथ लेंगे हरड़ तो कोरोना होगा दूर? शोध में हुआ खुलासा

नई दिल्ली।
देशभर में कोरोना का संक्रमण ( coronavirus ) तेजी से फैलता जा रहा है। अब तक कुल मरीजों की संख्या 6,25,544‬ हो चुकी हैं, जबकि 18213 लोगों की जान जा चुकी है। इसी बीच कोरोना से लड़ने के लिए इन दिनों Immunity Boosters की मांग काफी बढ़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के मुताबिक, कोरोना से लड़ने में Immunity Boosters का काफी अहम योगदान होता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT Delhi ) दिल्ली के एक नए अध्ययन में पता चला है कि चाय भी कोरोना वायरस ( Coronavirus Research ) से लड़ने में सक्षम है। शोधकर्ताओं ने बताया कि चाय ( Tea ) के साथ हरड़ लेने से कोरोना वायरस संक्रमण को कम किया जाता है। शोध के मुताबिक, चाय और हरड़ कोविड-19 के मुख्य प्रोटीन की वृद्धि को रोकने में कारगर साबित हुए हैं।

51 औषधीय पौधों पर हुआ रिसर्च
IIT के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज ( KSBC ) के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस प्रोटीन के क्लोन पर 51 औषधीय पौधों के प्रभाव का शोध किया, जिसमें सामने आया कि दो पौधे चाय और हरड़ इस प्रोटीन की वृद्धि को रोकने में कारगर साबित हुए हैं। दोनों पौधे वायरस की मारक क्षमता कम कर देते हैं।

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ग्रीन टी से होते हैं फायदे
शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्रीन टी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और यह कोलेस्ट्रोल व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में काफी मददगार है। वहीं, बिना दूध की चाय यानी ब्लैक टी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती है। इम्यूनिटी से लड़ने के लिए काली चाय बहुत बढ़िया है।

दो महीने तक चला रिसर्च
शोध का नेतृत्व कर रहे प्रो अशोक कुमार पटेल ने बताया कि इन औषधीय पर करीब दो महीने तक कड़ी रिसर्च की गई, जिसमें कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीन का अपनी लैब में क्लोन तैयार किया है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस जैसे खतरनाक वायरस पर शोध के लिएबायोसेफ्टी लैब-4 की जरूरत होती है। हमनें 51 भारतीय औषधीय पौधों का उपयोग किया गया, जिसमें से दो में काफी अच्छे नतीजे मिले। प्रो अशोक कुमार ने बताया कि हालांकि, शोध के परिणामों के लिए कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल जरूरी है

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