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पूरी दुनिया को खतरे में डाल सकता है कोरोना का खतरनाक वेरिएंट, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में मिला कोरोना वायरस (Corona New Variant )का यह नया वैरिएंट UK में पाया गया नया वैरिएंट 50 से ज्यादा देशों में पहुंच भी चुका है

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Corona New Variant

Corona New Variant

नई दिल्ली। दुनियाभर में तबाही मचाने के बाद अब कोरोना कमज़ोर पड़ता नज़र आ रहा है लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट (Corona New Variant) से सभी की चिंता बढ़ गई है। इस नए वैरिएंट का संक्रमण सबसे ज्यादा ब्रिटेन के केंट क्षेत्र में बताया जा रहा है। अब वैज्ञानिक यह दावा कर रहे हैं कि कोरोना का ये वैरिएंट अगर फैला तो पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। और इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इस नए वैरिएंट से उबरने में दुनिया को पूरा एक दशक लग सकता है।

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UK में जेनेटिक सर्विलांस कार्यक्रम के मुखिया की माने तो दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में मिला कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट अगर काबू में नहीं किया गया तो जल्द ही यह पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले सकता है। वे इस नए वैरिएंट के म्यूटेशन पर काफी चिंतित हैं। आपको बतादें हाल ही में पाए गए नए स्ट्रेन की वजह से ब्रिटेन में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। इससे भी बड़ी चिंता की बात तो यह है कि UK में पाया गया नया वैरिएंट 50 से ज्यादा देशों में पहुंच भी चुका है। जानकार बताते हैं कि दूसरे वैरिएंट्स की अपेक्षा यह वैरिएंट 70 फीसदी ज्यादा फैलने वाला है। इनता ही नहीं यह 30 फीसदी अधिक घातक बताया जा रहा है।

COVID-19 जीनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के निदेशक शेरोन पीकॉक की माने तो 'UK से बाहर निकलने के बाद केंट वैरिएंट संभावित रूप से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा।’ शेरोन ने तो यह भी चेतावनी दी है कि COVID-19 वैक्सीन UK में कोरोना के कई वैरिएंट पर प्रभावी रहे हैं लेकिन यह नया म्यूटेशन वैक्सीन के असर को भी कम कर सकता है। उन्होंने तो यह भी कहा है कि, 'यूके में फैला कोरोना का 1.1.7 वैरिएंट एक बार फिर म्यूटेट हो गया है और ये नया म्यूटेशन E484K इम्यूनिटी और वैक्सीन की क्षमता पर भी अपना असर डालने वाला हो सकता है। उन्होंने हैरानी जाहिर करते हुए यह भी कहा कि ‘यह वायरस पांच अलग-अलग समय पर पांच से भी ज्यादा बार म्यूटेट हो चुका है और ये होता रहेगा। आने वाले 10 सालों तक हमें इस वायरस से लड़ाई जारी रखनी होगी’

कोरोना के दूसरे विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन लोगों पर अलग-अलग असर डालते रहे हैं और हो सतका है सारे वेरिएंट एक जैसे खतरनाक ना हो और जानलेवा भी नहीं हो सकते हैं।