
दारा सिंह के बारे में अगर जानते हैं ये बातें तो आप हैं विद्वान, अगर नहीं तो पड़ें ये खबर
नई दिल्ली। 12 जुलाई 2012 को 84 वर्षीय रुस्तमे हिंद दारा सिंह ( dara singh ) ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। अपनी ज़िंदगी के 55 साल उन्होंने कुश्ती को दिए और करीबन इतने ही साल का उनका फिल्मी करियर भी रहा। माना जाता है कुश्ती के करीब 500 मुकाबलों में उन्हें कभी कोई हरा ही नहीं पाया। 1983 में जब उन्होंने कुश्ती का अपना आखिरी मुकाबला लड़ा उसमें भी उन्हें जीत ही हासिल हुई। 19 नवंबर 1928 को अमृतसर ( amritsar ) में पैदा हुए दारा सिंह रंधावा ( Dara Singh Randhawa ) के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बाते हैं जो सबको नहीं पता। आज हम आपको उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताएंगे।
कम उम्र से ही दारा सिंह अपने गांव में खेती किया करते थे। बचपन में ही उनके घरवालों ने उनकी ज़बरदस्ती शादी करा दी थी। कहते हैं उनकी दुल्हन उनसे लंबी कर तंदुरुस्त थी घरवालों को चिंता होने लगी कि कहीं दारा अपनी दुल्हन से कमज़ोर न लगने लगे। लिहाजा उनके घरवाले उनकी खुराक पर ध्यान देते हुए उन्हें दूध, दही के साथ-साथ ढ़ेर सारे बादाम भी खिलाया करते थे। बस फिर क्या यहीं से उनके शरीर में ग्रोथ आई और वे हट्टे कट्टे हो गए। कहते हैं कि उनकी पहली प्रोफेशनल फाइट एक इटैलियन रेसलर से हुई। दोनों के बीच हुआ वो मुकाबला ड्रॉ था। इस फाइट में उनकी कुश्ती करने की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें 50 डॉलर इनाम भी मिला था।
1947 में सिंगापुर में हुए पहलवानी कम्पटीशन में उन्होंने हिस्सा लिया। इस कम्पटीशन में उन्होंने चैम्पियन तारलोक सिंह को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। इसके बाद देश विदेशों में उनके नाम की तूती बजने लगी। 1954 में वे भारतीय कुश्ती के चैम्पियन बने। इसके बाद वो इतने मशहूर हो गए कि 1959 में कनाडा और नूज़ीलैंड के वर्ल्ड चैम्पियंस ने कॉमनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप में दारा सिंह को खुली चुनौती दे डाली। दारा सिंह ने चुनौती को मानते हुए दोनों को हरा दिया। 1968 में उन्होंने अमरीका के वर्ल्ड चैम्पियन को हराया और फ्री स्टाइल कुश्ती के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए।
एक बार रांची में कुश्ती के प्रोग्राम का आयोजन हुआ। यहां दारा सिंह का मुकाबला किंग कांग के साथ हुआ। उस समय रुस्तमे हिंद थे 130 किलो के और वो 200 किलो का। उन्होंने किंग कांग को ऐसा पटका कि वो रिंग के बाहर जाकर गिरा। आप इस मैच की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते हैं कि 60 के दशक में इस मैच की टिकट 30 रुपए की थी लोग फिर भी इस मैच को देखने गए थे क्योंकि उन्हें दारा सिंह को देखना था।
उनके कुश्ती के करियर के दौरान एक अफवाह उड़ी थी कि जो भारतीय शख्स कुश्ती में इतना आगे है वो असली दारा सिंह है ही नहीं। किसी ने यह अफवाह फैला दी कि असली दारा सिंह आ गया है। उसने कहा "मैं जेल में बंद था, उसने मेरा नाम इस्तेमाल करके वाहवाही लूटी है।" जेल से रिहा हुए इस शख्स ने दारा सिंह को कुश्ती के लिए चुनौती दे दी। दोनों के बीच में लड़ाई हुई मैच में खूब कमाई हुई। बाद में पता चला कि वो शख्स कोई और नहीं दारा सिंह के भाई थे जिनका नाम था रंधावा जो बाद में फिल्मों में भी दिखे और अपने स्टंट की कला के लिए मशहूर हुए। दारा सिंह का फ़िल्मी करियर भी बेहतरीन रहा। उन्होंने 146 फिल्मों में काम किया। रुस्तमे हिंद दारा सिंह को बॉलीवुड का एक्शन किंग कहा जाता है।
Published on:
12 Jul 2019 07:01 am
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