25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस गांव में 30 साल पहले हुई थी ऐसी चोरी, जिसकी वजह से नहीं हो रहे हैं बेटियों के हाथ पीले

बरेली से करीब 60 किमी. दूर शीशगढ़ के गिरधरपुर गांव में बिजली करीब 30 साल पहले पहुंच गई थी। लेकिन इसके बावजूद यहां बिजली की समस्या खत्म नहीं हुई है

2 min read
Google source verification
Demo pic

इस गांव में 30 साल पहले हुई थी ऐसी चोरी, जिसकी वजह से नहीं हो रहे हैं बेटियों के हाथ पीले

नई दिल्ली। देश को आजाद हुए 71 साल हो गए हैं। भारत धीरे-धीरे विकास की ओर प्रगतिशील है। कहीं न कहीं समाज में लोगों की सोच में बदलाव आ रहे हैं।

दकियानूसी विचारधारा को छोड़कर आधुनिकता को अपनाने की हर दिन कोई न कोई पहल करता है। इसी क्रम में गांव-गांव में शिक्षा का प्रचार-प्रसार हो रहा है। चूल्हे की जगह लोग सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। पेयजल की सुविधा बढ़ाई जा रही है।

स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके विपरीत कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां स्थिति आज भी पहले के जैसे ही बनी हुई है। एक ऐसे ही गांव के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि स्थिति में अभी बहुत सारे बदलाव होने की जरूरत हैं।

हम यहां बात कर रहे हैं गिरधरपुर गांव की। बरेली से करीब 60 किलोमीटर दूर शीशगढ़ के गिरधरपुर गांव में आज भी बिजली की समस्या बनी हुई है। गांव में बिजली करीब 30 साल पहले पहुंच गई थी। लेकिन इसके बावजूद यहां बिजली की समस्या खत्म नहीं हुई है। गांव में जब बिजली आई तो उस वक्त लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। बिजली आने के पांच-छह महीने तक कोई समस्या नहीं हुई। इसके बाद एक रात अचानक चोर ट्रांसफार्मर चुरा ले गए जिसके बाद नया ट्रांसफार्मर आज तक नहीं लग सका। इस वजह से यहां लोग आज भी लालटेन के सहारे जीने को मजबूर हैं।

गांव के लोगों ने इस बात की शिकायत विधायक से लेकर अफसरों तक की लेकिन अब तक बात नहीं बनीं। इस बीच देश में कई सरकारें बदली लेकिन गांव के हालात में कोई बदलाव नहीं आया।

वर्तमान समय में गांव में मौजूद बिजली के तार और खम्भे कपड़े सुखाने के काम आ रहे हैं। बिजली न होने की वजह से यहां लड़कियों की शादी नहीं हो पा रही हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि गांव में नेता केवल वोट मांगने के लिए आते हैं। इसके बाद वो अपनी शक्ल तक नहीं दिखाते हैं।

चुनाव के वक्त सभी, गांव में बिजली वापस लाने का आश्वासन देते हैं लेकिन किए गए वादों को कभी पूरा नहीं किया जाता है। गिरधरपुर गांव की आबादी करीब 5000 हैं और यहां ज्यादातर लोग पेशे से किसान हैं। बिजली होने के बावजूद अंधेरे में गुजारा करना वाकई में विचार करने लायक है।