
due to lightning strikes bangladesh government planting palm trees
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन से पूरा वातावरण गर्म हो जाता है। वातावरण में गर्मी और नमी बनने की वजह से आकाशीय बिजली गिरने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। पहले के मुकाबले में बांग्लादेश बिजली गिरने की घटनाओं से कुछ ज्यादा परेशान है। बांग्लादेश के कृषि विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञानी मुराद अहमद फारुख ने इस समस्या को लेकर जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी से गर्म और नम हवाएं आती हैं और हिमालय से ठंडी और भारी हवाएं आती हैं। इस तरह की हवाओं के मिलने से आकाशीय बिजली पैदा होती है। इस परिस्थिति की वजह से बांग्लादेश में बिजली गिरना आपदा बन गई है।
बिजली गिरने की समस्या इतनी बड़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बांग्लादेश में बाढ़ और चक्रवात के कारण होने वाली मौतों से ज्यादा बिजली के गिरने से लोगों की मौतें हुई हैं। पिछले साल के आंकड़े की बात करें तो 360 लोगों की जान बिजली गिरने की घटनाओं में गई। बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने इस समस्या का हल निकालने के लिए ताड़ के पेड़ लगाना शुरू किया है।
उनका कहना है कि ताड़ का पेड़ बिजली की दिशा बदलने में बहुत कारगर साबित होता है। वह आकाशीय बिजली को सीधे ज़मीन के अंदर पहुंचा देता है। बता दें कि बांग्लादेश के काई इलाकों में साल 2017 से ही सरकार ने ताड़ के पेड़ लगाना शुरू कर दिया था। साथ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों से अपने मकानों को अर्थिंग सिस्टम के साथ बनाने की अपील की थी। अब तक बांग्लादेश में करीब ताड़ के 500 पेड़ लगाए हैं इस योजना में अब तक करीब 500 अमरीकी डॉलर का खर्च आया है। फिलहाल सरकार के इस प्रबंध के बावजूद भी बिजली गिरने से मौतों की खबर आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को जागरूक करने के लिए काम करने वाली एक एजेंसी का दावा है कि इस साल फरवरी से अगस्त तक 246 लोंगों की मौत हुई हैं।
Published on:
13 Nov 2019 01:18 pm
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