
नई दिल्ली। इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना वायरस का दंश झेल रही है। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। हर देश सभी काम को किनारे रख इस वायरस की वैक्सीन खोजने में लगा हुआ है। लेकिन फिलहाल कामयाबी हाथ लगती नहीं दिख रही है।
WHO के मुताबिक दुनिया भर के डॉक्टर करीब 70 टीकों पर काम कर रहे हैं, जिनमें से तीन क्लिनिकल स्टेज में हैं। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन को जल्द से जल्द बनाने के लिए डॉक्टर और वैज्ञानिक सुपर कंप्यूटर का सहारा ले रहे हैं। । लेकिन साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स (Supercomputers Hijacked From COVID-19 Research)भी तेजी से ऐक्टिव हो गए हैं।
हाल ही में यूरोप में सुपरकंप्यूटर्स (Supercomputers) को हैकर्स ने एक मैलवेयर के जरिए माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)के लिए हैक कर लिया था। सुपरकंप्यूटर्स के हैक होते है पूरे सिस्टम को बंद करना पड़ गया। ताकी कोई भी डेटा उनके हाथ ना लग सके। बताया जा रहा है कि इन सुपरकंप्यूटर से कोविड-19 रिसर्च कि जा रही थी। लेकिन हैकिंग की वजह से इसे भी रोकना पड़ गया।
ZDNet वेबसाइट के मुताबिक ब्रिटेन, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में सुपरकंप्यूटर्स और स्पेन में हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटर तो एक जैसे मैलवेयर के द्वारा हैक करने की कोशिश हुई। इन मैलवेयर को सुपरकंप्यूटर की पावर इस्तेमाल करने के हिसाब से डिजाइन किया गया था। ताकि Monero XMR क्रिप्टोकरेंसी में सेंध लगाई जा सके।
Published on:
19 May 2020 07:16 pm
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