शिष्यों के सफल होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ शिक्षक का होता है। सांसारिक अथवा पारमार्थिक ज्ञान देने वाले व्यक्ति को गुरु कहा जाता है।
इस स्कूल से दिन-ब-दिन गायब हो रहे थे बच्चे, टीचर ने किया ऐसा कारनामा कि…
नई दिल्ली। किसी भी क्षेत्र में मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु शिक्षक का होना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। शिष्यों के सफल होने के पीछे सबसे बड़ा हाथ शिक्षक का होता है। सांसारिक अथवा पारमार्थिक ज्ञान देने वाले व्यक्ति को गुरु कहा जाता है। कर्नाटक के उडूपि जिले एक शिक्षक सबके लिए मिसाल बनकर सामने आए हैं। उडूपि जिले के बाराली गांव के बाराली सरकारी स्कूल के टीचर का नाम राजाराम है। अब हम आपको बताते हैं ये लोगों के लिए मिसाल कैसे बने। आपको बता दें राजाराम शिक्षक के साथ-साथ ड्राइवर की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वो शिक्षक के साथ-साथ ड्राइवर की भूमिका इसलिए निभा रहे हैं क्योंकि कई बच्चों के माता-पिता बच्चे को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहते क्योंकि वहां बस ट्रासपोर्ट की सुविधा नहीं है जिसकी वजह से बच्चों के माता-पिता उन्हें सरकारी के बजाए प्राइवेट स्कूलों में डाल रहे हैं।
शिक्षक राजाराम के इस सराहनीय कदम की वजह से अब इस स्कूल में बच्चों की संख्या 50 से 90 हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार राजाराम गणित और विज्ञान के शिक्षक हैं। राजाराम ने बताया कि बच्चों को रोज 5 से 6 किलोमीटर पैदल आना पड़ता था जिसकी वजह से स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम हो गई थी। राजाराम के इस कदम से इस गांव के बच्चे आज स्कूल जाने की सुविधा मिली है राजाराम स्कूल के बच्चों के चहीते शिक्षक थे और इस सराहनीय काम के बाद वे सबसे चहीते शिक्षक हो गए हैं।