लेकिन इसके बावजूद भी जब लड़की को पेट दर्द से राहत नहीं मिली तो डॉक्टर्स ( Doctors ) ने कुछ जांच कराई। जब लड़की के पेट की स्कैनिंग की गई तो उसमें गेंद जैसे आकार की कोई चीज दिखाई दी। इसके बाद डॉक्टर्स ने लड़की का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
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ऑपरेशन के दौरान लड़की के पेट से तकरीबन आधा किलो इंसानी बाल, प्लास्टिक के टुकड़े और शैंपू के कई खाली पैकेट निकले हैं। अस्पताल के चेयरमैन वी. जी. मोहनप्रसाद ने बताया कि पहले एंडोस्कोपी ( Endoscopy ) के जरिए उसे निकालने का फैसला किया गया।
हालांकि डॉक्टरों का यह प्रयास सफल नहीं रहा। इसलिए ऑपरेशन के जरिए लड़की के पेट से उसे निकालने का फैसला लिया गया। इसके बाद सर्जन की स्पेशल टीम ने लड़की के पेट से इंसानी बाल और शैंपू के खाली पैकेट निकाले। डॉक्टर के मुताबिक लड़की के एक करीबी रिश्तेदार की मौत हो गई थी। यहीं वजह रही कि वो मानसिक रूप से काफी परेशान हो गई थी।
इस कारण लड़की खाली पैकेट और बाल जैसी चीजें खाने लगी, जिसकी वजह से उसके पेट में अक्सर दर्द होता था। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद अब लड़की पूरी तरह स्वस्थ है। डॉक्टरों का कहना है कि ‘तारकोबेजार’ नाम की एक मानसिक बीमारी ( Mental illness ) होती है, जिसमें इंसान अपने बाल नोंच-नोंच कर खाता है। इस लड़की को भी यही बीमारी थी।