
फांसी पर लटकाने से पहले कैदी के कान में क्या बोलता है जल्लाद, सच जानने के बाद दंग रह जाएंगे आप
नई दिल्ली। हमारा देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में विभत्स अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कई विभत्स मामलों में ऐसे कई अपराधी होते हैं जिन्हें उनके अपराध के मुताबिक सज़ा नहीं मिल पाती। लेकिन ऐसे भी कई अपराधी होते हैं जो तमाम कोशिशों के बाद भी कानून के ताकतवर हाथों से बच कर नहीं निकल पाते। आज हम कैदियों को दिए जाने वाली सज़ा-ए-मौत के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जिसे आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। आमतौर पर किसी भी देश की जनता अपराधियों को मिलने वाली मौत की सज़ा में काफी दिलचस्पी लेती है। हालांकि कभी किसी ने अपराधी को फांसी पर चढ़ते हुए नहीं देखा। इतना तो हम सभी जानते हैं कि अपराधी को फांसी पर लटकाने के लिए वहां एक जल्लाद मौजूद होता है।
लेकिन फांसी के फंदे पर लटकाने से पहले जल्लाद कैदी के कान में कुछ बातें बोलता है, जिसके बारे में काफी कम लोग ही जानते हैं। आज हम आपको वही बातें बताने जा रहे हैं, जो जल्लाद कैदी को फांसी पर लटकाने से पहले उसके कान में फुसफुसाता है। उससे पहले आपको ये बता दें कि जल्लाद का काम करना हर किसी के वश की बात नहीं होती है। एक छोटा-सा जीव मारने से पहले भी हम सौ बार सोचते हैं लेकिन यहां तो जल्लाद एक अच्छे-खासे मानव को ही मार देते हैं।
कैदी को फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद कैदी के काम में बोलता है कि,'मुझे माफ करना, मैं मजबूर हूं'। मैं सरकार का गुलाम हूं इसलिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता।' इसके बाद जल्लाद हिंदू कैदी को राम-राम और मुस्लिम कैदी को आखिरी सलाम कह कर फांसी पर लटका देता है। आपको बता दें कि भारत में कैदियों को फांसी पर लटकाने के लिए केवल दो ही जल्लाद हैं। कैदियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लादों को मेहनताना भी दिया जाता है। किसी आम कैदी को फांसी पर चढ़ाने के लिए उसे तीन हज़ार रुपये तक दिए जाते हैं तो वहीं ये रकम किसी आतंकी के मामले में बढ़ जाती है। इसके अलावा जल्लादों को सैलरी भी मिलती है।
Published on:
25 Jul 2018 11:04 am
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