19 जुलाई 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

‘मातंग’ से है हनुमान जी का खास नाता, हर 41 साल पर देने आते हैं दर्शन

Hanuman ji is alive : एक आध्यात्मिक संगठन के मुताबिक साल 2014 में हनुमान जी ने दिए थे दर्शन 'मातंग' एक ऐसी जनजाति है जिसका संबंध रामायण काल से है

bajrangbali.jpg
Hanuman ji is alive

नई दिल्ली। पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार हनुमान जी (Lord Hanuman) को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। कहा जाता है कि वे आज भी धरती पर मौजूद है। इसके सबूत समय-समय पर देखने को मिलते रहे हैं। ऐसे ही एक ग्रंथ के अनुसार बजरंगबली का श्रीलंका (Sri Lanka) के जंगलों से खास नाता है। वे वहां रहने वाले 'मातंग' जनजाति की सेवा से बहुत प्रसन्न रहते हैं। इसलिए वे हर 41 साल में उन्हें साक्षात दर्शन देने वहां जाते हैं।

प्रेगनेंट भैंस को हलाल करने ले जा रहा था कसाई तभी जानवर ने घुटने टेक लगाई रहम की गुहार

इन जनजातियों पर अध्ययन करने वाले आध्यात्म‍िक संगठन 'सेतु' के मुताबिक हनुमान जी इस जनजाति के लोगों से साल 2014 में मिलने आए थे। अब दोबारा 41 साल बाद यानि साल 2055 में वे दोबारा भक्तों से मिलेंगे। 'मातंग' एक ऐसी जनजाति है जो श्रीलंका के अन्य कबीलों से बिल्कुल अलग है। इनकी संख्या बेहद कम है। 'मातंग' समुदाय का इतिहास रामायण (Ramayan) काल से जुड़ा है।

बताया जाता है कि भगवान राम के स्वर्ग चले जाने के बाद हनुमान जी अयोध्या से दक्ष‍िण भारत के जंगलों में चले गए थे। इसके बाद वे श्रीलंका पहुंचे थे। यहां 'मातंग' कबीले के लोगों ने उनकी खूब सेवा की। इससे प्रसन्न होकर हनुमान जी ने लोगों से दोबारा मिलने का वादा किया था।