
hemant soren
नई दिल्ली। झारखंड की राजनीति में कल बड़ा उलटफेर देखने को मिला। यहां सत्तासीन बीजेपी का सूपड़ा साफ करके झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाजी मार ली है। इस कारनामे का श्रेय झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) (Jharkhand Mukti Morcha) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जाता है। वे एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने को तैयार हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़ राजनीति में प्रवेश करने वाले सोरेन की जिंदगी काफी दिलचस्प रही है। 10 साल पहले उनकी संपत्ति जहां महज 73 लाख रुपए थी। वहीं अब बढ़कर 8 करोड़ तक पहुंच गई है। तो कैसे आया उनकी जिंदगी में बदलाव आइए जानते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साल 2014 की तरह इस बार भी दो सीटों से चुनाव लड़ा। हेमंत सोरेन को पिता से विरासत में राजनीति मिली है। उनके पिता शिबू सोरेन (Shibu Soren) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री थे। हेमंत अपने पिता की तरह ही राज्य में आदिवासी समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। हेमंत सोरेन 10 अगस्त, 1975 को पैदा हुए। तब बिहार और झारखंड एक थे। हेमंत ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पटना से की है। इसके बाद उन्होंने रांची के बीआईटी मेसरा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। हालांकि उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। साल 2009 में उनकी राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
उन्होंने दुमका विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 8 करोड़ 11 लाख रुपये बताई है, जबकि 2009 के विधानसभा चुनाव में उनके पास कुल संपत्ति 73 लाख 57 हजार रुपये थी। साल 2014 में हेमंत की चल-अचल संपत्ति 1 करोड़ 72 लाख 91 हजार 300 थी। जबकि उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति 1 करोड़ 77 लाख 85 हजार 227 रुपये थी। हेमंत और उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति को मिला दें तो कुल 3 करोड़ 50 लाख 76 हजार 527 रुपये। जबकि 2014 के मुकाबले भी 2019 में उनकी संपत्ति में दोगुना इजाफा हुआ है। साल 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक, बीते पांच वर्षों में हेमंत सोरेन की चल-अचल संपत्ति 2 करोड़ 29 लाख से अधिक है। जबकि उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति 5 करोड़ 81 लाख 85 हजार 235 हो गई है।
Published on:
24 Dec 2019 08:54 am
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
