
Gahmar village
नई दिल्ली। गहमर एशिया का सबसे बड़ा गांव माना जाता है। ये उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले में स्थित है। इस गांव की जनसंख्या की बात करें तो लगभग 1 लाख 20 हजार से भी ज्यादा है। इस गांव की स्थापना सिकरवाल वंस के राजपूतों ने की थी लगभग 1530 में। और ये गाँव मुगलसराय और पटना रेल मार्ग पर स्थित है। गहमर गांव तक़रीबन 618.33 हेक्टेयर में बसा हुआ है।
इस गांव की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि यहां के लोग देश के प्रति बेहद लगाव रखते हैं। यहां आपको हर एक घर से कोई न कोई भारतीय सेना में शामिल जरूर दिखेगा। गहमर गांव को फौजियों का गाँव भी कहा जाता है। इस गांव के लोग भारतीय सेना में कर्नल से लेकर जवान तक के पदों में आपको देखने को मिल जाएंगे। साथ ही साथ इस गांव में कुछ परिवार तो ऐसे भी हैं जो लगातार 5वीं पीढ़ी तक भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं।
अब जानते हैं गहमर गांव से जुड़ी कुछ खास बातें
- प्रथम विश्वयुद्ध- 1965, द्वितीय विश्वयुद्ध- 1971 और तीसरा विश्व युद्ध में इस गांव के लोगों ने बढ़-चढ़ के भाग लिया था। लोग आज भी लड़ाई का नाम आता है तो यहां के फौजियों को याद करते हैं।
-क्या आपको पता है है कि इस गांव के लगभग 10 हजार लोग भारतीय सेना में शामिल हैं, और यहां कम से कम 14 हजार से ज्यादा सैनिक भूतपूर्व हैं।
- गहमर गांव को सबसे बड़े गांव से नहीं बल्कि 'बड़े दिल वाले गांव' के नाम से भी जाना जाता है।
- यह गांव गाजीपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूरी पर बसा हुआ है। इस गांव में एक स्टेशन भी है जो मुगलसराय और पटना से जुड़ा है।
- प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध में इस गांव के 228 सैनिक ब्रिटिश सेना में शामिल थे जिसमें 21 जवान शहीद हो गए थे।
-इस गांव को एक सर्वश्रेष्ठ गांव के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां दो डिग्री कॉलेज, सात इंटर कॉलेज, दस से ज्यादा स्कूल और कम से कम 4 एटीएम मशीनें उपलब्ध है।
- गहमर गांव को आगे बढ़ाने के लिए यहां पर भूतपूर्व सैनिकों ने 'पूर्व सैनिक सेवा समिति' नामक संस्था का निर्माण भी किया है।
- इस गांव में बहुत सारे साहित्यकारों का भी जन्म हुआ है इनमें गोपालराम गहमरी, भोलानाथ गहमरी और प्रदीप पांडे आदि शामिल हैं।
Published on:
03 Sept 2021 04:09 pm
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