
इन बच्चों के सामने केवल एक ही विकल्प रहता है कि या तो वो मेहनत मजदूरी करें या नक्सलियों के संगठन में शामिल होकर कुछ भरण पोषण के लिए कमाई कर ले। ऐसे बच्चों से जब यह पूछा गया कि क्या तुम लोगों में पढ़ाई के प्रति रूचि नहीं है तब इन बच्चों ने साफ-साफ कहा कि उनका परिवार निर्धन है और जो थोड़ी बहुत खेती तथा जंगलों से प्राप्त होने वाली सामग्रियों से उनका परिवार अपना भरण-पोषण करता है।
Published on:
03 Dec 2017 05:30 pm
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
