सोने की ड्रीम जॉब को कंपनी ने कुछ इस तरह डिजाइन किया है। इसमें चयनित उम्मीदवार कंपनी के गद्दे पर सोएंगे। काउंसलिंग सेशन में लेंगे हिस्सा
इसके साथ ही वे स्लीप ट्रैकर और विशेषज्ञों के साथ काउंसलिंग सेशन में भाग भी लेंगे। हालांकि जो लोग इस इंटर्नशिप प्रोग्राम में शॉर्टलिस्ट होंगे उन्हें कंपनी को वीडियो भेजना होगा जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि नींद उन्हें कितनी अच्छी लगती है।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कंपनी की ओर से स्लीप ट्रैकर का इस्तेमाल किया जाएगा। ये स्लीप ट्रैकर उम्मीदवार के गद्दे पर सोने से पहले और सोने के बाद का पैटर्न रिकॉर्ड करेगा। खास बात यह है कि विजेताओं को यह स्लीप ट्रैकर भी दिया जाएगा।
कंपनी के निदेशक और को-फाउंडर चैतन्य रामलिंग गौड़ा का कहना है कि बतौर स्लीप सॉल्यूशन कंपनी हमारी पहली कोशिश है कि हम लोगों को सोने के लिए प्रेरित कर सकें।
चैतन्य का मानना है कि भागती दौड़ती जिदंगी के चलते हमारी नींद कम होती जा रही है जो कई बीमारियों का भी कारण है। इस सॉल्यूशन के जरिये हम लाइफ क्वालिटी सुधारने की भी कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम ऐसे लोगों की भर्ती करना चाहते हैं जो अपनी जिंदगी में नींद को प्राथमिकता देते हुए लंबे समय तक सो सकें।
इस इंटर्नशिप को करने के लिए आपको ना ही अपनी नौकरी छोड़नी होगी और ना ही घर से बाहर जाना होगा।