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जब नरसिम्हा राव ने वाजपेयी के हाथ में चुपके से थमा दी पर्ची, जिसमें लिखी थी ये बात…

उनके कठोर इरादे और बच्चे जैसा मन ही उन्हें अटल बनता है। उनके जीवन से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जिनमें उनके अंदर एक बच्चे के पलने के साक्ष्य मिलते हैं।

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने विनम्र व्यक्तित्व के कारण हर किसी के प्रिय रहे हैं। शयद ही अटल जी के अंदर हमेशा एक बच्चा बस्ता था। उनके कठोर इरादे और बच्चे जैसा मन ही उन्हें अटल बनता है। उनके जीवन से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जिनमें उनके अंदर एक बच्चे के पलने के साक्ष्य मिलते हैं। आज हम अटल जी के बारे में कुछ ऐसे ही अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के परमाणु कार्यक्रम का बात होते ही एक सवाल सबके मन में जरूर आता है वह यह कि इसका श्रेय किस प्रधानमंत्री के खाते में लिखा जाए? यह सवाल बहुत दिनों से बना हुआ है कि इसका श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी को ज़्यादा दी जाए या पीवी नरसिम्हा राव को। खैर हम आज इस बारे में बात नहीं करेंगे। आज हम उनके कुछ अनसुने किस्से आपको बतायेंगे।

जब नरसिम्हा राव ने वाजपेयी के हाथ में चुपके से पकड़ा दी थी पर्ची...

1996 में जब वाजपेयी ने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब नरसिम्हा राव ने चुपके से वाजपेयी के हाथ में एक पर्ची पकड़ाई थी। राव ने इस अंदाज में वाजपेयी जी को पर्ची पकड़ाई कि कोई देख ना सके। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पर्ची में राव ने वो बातें लिखीं थीं जो काम वह खुद बतौर प्रधानमंत्री करना चाहते थे, लेकिन कर न पाए।

बच्चों की पसंदीदा जगह डिज्नीलैंड का भी उठा चुके हैं लुत्फ...

यह बात साल 1993 की है। जब अटल बिहारी वाजपेयी अमेरिका दौरे पर थे। यहां जब उन्हें अपने दौरे के बाद कुछ फुर्सत के पल मिले तो वे ग्रैंड कैनियन और डिज्नीलैंड जा पहुंचे। इतना ही नहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के साथ वे लाइन में भी लगे इसके बाद उन्होंने टिकट खरीद वहां लगे झूलों का आनंद लिया। उनके अंदर के बालक के व्यक्तित्व को बहुत काम लोग जानते हैं।

टीवी देखने की करते थे ज़िद...

साल 2014 में हुए कुछ चुनाव नतीजे भी उन्होंने टीवी पर देखे। वे बोलते नहीं थे, लेकिन अपने चेहरे के हाव-भाव से बता देते थे कि उनको खबरें कैसी लगीं। एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र हुआ है कि, एक बार टीवी पर सदन की कार्यवाही का प्रसारण देख रहे थे, तभी किसी ने टीवी बंद कर दिया तो अटलजी बच्चों की तरह वे रूठ गए इसके बाद उनके भाव को देखकर तुरंत टीवी दोबारा चलाया गया तो वे बच्चों की तरह मुस्कुरा उठे।