
Ramadan 2019: खजूर से रोजा खोलने के पीछे है वैज्ञानिक कारण, मुसलमान भाई भी जानें क्या कहता है विज्ञान
नई दिल्ली। रमदान ( ramadan ) या रमज़ान ( Ramzan ) का मुकद्दस महीना 7 मई से शुरू हो गया है। इस दौरान अधिकतर मुस्लिम रोजा रखते हैं। रोजा इफ्तार के दौरान मुसलमान खजूर ( Date palm ) का विशेष रूप से सेवन करते हैं। दरअसल, हदीस में खजूर से रोजा इफ्तार करने बात आई है। इफ्तार करने का सुन्नत (पैगंबर मोहम्मद जो भी काम करते थे, उन्हें सुन्नत करार दिया गया है।) के मुताबिक तरीका ये है कि रूतब (पके हुए ताज़ा खजूर) से रोजा इफ्तार किया जाए। विशेषज्ञ की मानें तो रोजा खजूर से खोलने से सवाब मिलता है, लेकिन सवाब मिलने के साथ-साथ ये आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
क्या कहता है विज्ञान
बता दें कि खजूर में नेचुरल शुगर होती है, जिससे रोजा रखने के दौरान कम हुआ शुगर लेवल बैलेंस हो जाता है। खजूर में सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज पाए जाते हैं। खजूर में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। मैग्नीशियम में ज्वलनरोधी गुण होता है। खजूर में मौजूद पोटैशियम अधिक ब्लड प्रेशर को भी कम करने का काम करता है। खजूर से रोजा इफ्तार करने पर शरीर को तुरंत ताकत मिलती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है।
खजूर पर हुई एक रिसर्च के मुताबिक, रोजा इफ्तार में खजूर का सेवन करने में धार्मिक महत्त्व तो है ही लेकिन यह विज्ञान पर भी आधारित है। इस रिसर्च से पहले रमजान में खजूर खाने के रिवाज पर इस्लाम में यकीन नहीं रखने वाले विद्वान ये तर्क देते थे कि इस्लाम अरब से शुरू हुआ था। अरब में खजूर आसानी से मिल जाने वाला फल हुआ करता था। जिसके बाद लोगों ने अपने रोजा इफ्तार में उसका सेवन शुरू कर दिया।
Published on:
08 May 2019 11:09 am
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