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Kumbh Mela 2019: दो तरह के होते हैं नागा साधु, इस मायने में अलग होते हैं खूनी नागा

हरिद्वार और उज्‍जैन में आयोजित होने वाले कुंभ में ही नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है

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Vinay Saxena

Jan 16, 2019

kumbh mela

Yogi's government scam in Kumbha: Congress

नई दिल्ली: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में नागा संन्यासियों के कैंप आम लोगों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बन गए हैं। अलग—अलग कैंप में नागा संन्यासियों के छोटे—छोटे शिविर बने हैं। ये नागा संन्यासी लोगों के लिए किसी कौतुहल से कम नहीं हैं। बता दें, नागा साधु दो प्रकार के होते हैं एक बर्फानी और एक खूनी नागा। हम आपको खूनी नागा के बारे में बता रहे हैं।

हरिद्वार और उज्‍जैन में आयोजित होने वाले कुंभ में ही नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है। जिन्‍हें हरिद्वार में दीक्षा दी जाती है उन्‍हें बर्फानी नागा कहा जाता है और जिन्‍हें उज्‍जैन में नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है, उन्‍हें खूनी नागा साधु कहा जाता है। खूनी नागा अपने साथ अस्त्र-शस्त्र भी धारण करते हैं और धर्म की रक्षा के लिए अपना खून भी बहा सकते हैं। दीक्षा के साथ ही अखाड़ों के भीतर उनके 5 गुरु बनाए जाते हैं। उनको भस्‍म, भगवा और रुद्राक्ष जैसी 5 चीजें धारण करने को दी जाती हैं। उन्‍हें संन्‍यासी के तौर पर जीवनयापन करने की शपथ दिलाई जाती है।

खूनी नागा साधु बनने के लिए साधुओं को रात भर ओम नम: शिवाय का भी जप करना होता है। जप के बाद अखाड़े के महामंडलेश्‍वर विजया हवन करवाते हैं। इसके बाद सभी को फिर से क्षिप्रा नदी में 108 डुबकियां लगवाई जाती हैं। स्‍नान के बाद अखाड़े के ध्‍वज के नीचे उससे दंडी त्‍याग करवाया जाता है। इस प्रक्रिया में वह नागा साधु बन जाते हैं।