
Last Golden langur dies
नई दिल्ली। ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते कहर के चलते जानवरों की कई प्रजातियां विलुप्त (rare animals) होने के कगार पर पहुंच गई हैं। जबकि कई का नाम-ओ-निशान खत्म हो चुका है। असम से एक ऐसी ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जिसमें देश के आखिरी गोल्डन लंगूर (Golden Langur) की मौत की खबर पता चली है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
गोल्डन लंगूर को हैगोल्डन लंगूर (Trachypithecus geei) के नाम से भी जाना जाता है। ये ज्यादातर भूटान और पश्चिमी असम में ब्रह्मपुत्र नदी के टापुओं पर पाए जाते थे। मगरजलवायु परिवर्तन और देखरेाख की कमी की वजह से इनकी प्रजाति विलुप्त हो गई है। बताया जाता है कि आखिरी गोल्डन लंगूर उमानंदा द्वीप पर रह रहा था। हालांकि उसकी मौत की वजह का पता नहीं चल सका है।
जानकारों की मानें तो एक दशक पहले गोल्डन लंगूरों की ब्रह्मपुत्र नदी के टापुओं पर अच्छी खासी तादाद थी, लेकिन प्रशासन की अनदेखी और पर्यटकों की ओर से उन्हें बाहरी भोजन खिलाने की वजह से उनकी सेहत बिगड़ने लगी। इसके अलावा मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के चलते उनकी प्रजनन क्षमता कम हो गई। लिहाजा 2011 में महज 5 गोल्डन लंगूर ही बचे थे। इनमें से 2 लंगूरों को वन विभाग ने असम के स्टेट जू में रख दिखा, लेकिन उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
Published on:
29 Feb 2020 08:34 am
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