ब्रम्हांड में हुआ अब तक का सबसे बड़ा धमाका, वैज्ञानिकों ने किए हैरान करने वाले खुलासे गोल्डन लंगूर को हैगोल्डन लंगूर (Trachypithecus geei) के नाम से भी जाना जाता है। ये ज्यादातर भूटान और पश्चिमी असम में ब्रह्मपुत्र नदी के टापुओं पर पाए जाते थे। मगरजलवायु परिवर्तन और देखरेाख की कमी की वजह से इनकी प्रजाति विलुप्त हो गई है। बताया जाता है कि आखिरी गोल्डन लंगूर उमानंदा द्वीप पर रह रहा था। हालांकि उसकी मौत की वजह का पता नहीं चल सका है।
जानकारों की मानें तो एक दशक पहले गोल्डन लंगूरों की ब्रह्मपुत्र नदी के टापुओं पर अच्छी खासी तादाद थी, लेकिन प्रशासन की अनदेखी और पर्यटकों की ओर से उन्हें बाहरी भोजन खिलाने की वजह से उनकी सेहत बिगड़ने लगी। इसके अलावा मौसम में हो रहे लगातार बदलाव के चलते उनकी प्रजनन क्षमता कम हो गई। लिहाजा 2011 में महज 5 गोल्डन लंगूर ही बचे थे। इनमें से 2 लंगूरों को वन विभाग ने असम के स्टेट जू में रख दिखा, लेकिन उन्होंने भी दम तोड़ दिया।