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मोदी सरकार लाई है आदिवासियों को गोली मारने का कानून? जानें क्या है सच्चाई

राहुल का ये बयान हो रहा है वायरल अपने भाषण के दौरान कही ये बात सच्चाई आपको हैरान कर देगी

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Navyavesh Navrahi

May 01, 2019

rahul gandhi

मोदी सरकार लाई है आदिवासियों को गोली मारने का कानून? जानें क्या है सच्चाई

नई दिल्ली: देश में चुनावी माहौल है क्योंकि लोकसभा चुनाव ( lok sabh election ) चल रहे हैं। ऐसे में पक्ष विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर बयानों के तीर चला रहे हैं। इस दौरान कई नेता तो गड़े मुर्दे उखाड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने मध्य प्रदेश के शाहडोल में एक चुनावी रैली में अपने भाषण के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने एक नया कानून बनाया है। इस कानून के तहत आदिवासियों को गोली से मारे जाने को मंजूरी दी गई है। राहुल के इस बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया ( social media ) पर काफी वायरल हो रहा है। चलिए इस वीडियो की हकीकत जानते हैं।

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वीडियो ( video ) में राहुल गांधी कहते हुए दिख रहे हैं 'अब नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने एक नया कानून बनाया है। आदिवासियों के लिए एक नया कानून बनाया है उसमें एक लाइन लिखी है कि आदिवासियों को गोली से मारा जा सकेगा। कानून में लिखा है आदिवासियों पर आक्रमण होगा। आपकी जमीन छीनते हैं जंगल लेते हैं, जल लेते हैं और फिर कहते हैं आदिवासियों को गोली मार दी जा सकती है।' इस वीडियो को ट्विटर ( Twitter ) पर बीजेपी के नैशनल इन्फर्मेशन एंड टेक्नॉलजी इनचार्ज अमित मालवीय ने शेयर किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा 'राहुल गांधी जन्म से ही झूठे हैं! क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इस तरह के झूठ बोलने वाला कैसे बच सकता है? राहुल गांधी के भाषणों पर कोई तथ्य चैक नहीं, कोई हंगामा भी नहीं। परिवार के प्रति ये अधीनता साफतौर पर चिंताजनक है। लेकिन भारत के लोगों को भरोसा है कि वो इस तरह की कट्टरता को खारिज करेंगे।

अब जरा इस वीडियो की सच्चाई भी जान लीजिए क्योंकि ये जानना जरूरी है। दरअसल, राहुल का बयान भ्रामक है लेकिन पूरी तर गलत भी नहीं। राहुल जो आदिवासियों को गोली से मारने वाले नए कानून का दावा कर रहे हैं वो भ्रामक है क्योंकि वो इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 में केंद्र की तरफ से प्रस्तावित संशोधनों की बात कर रहे थे। ये संशोधन अभी भी ड्राफ्ट के तौर पर मौजूद हैं और कानून नहीं बने हैं। पिछले महीने ही पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने औपनिवेशिक काल से चले आ रहे कानून में बदलाव के लिए इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 2019 का पहला ड्राफ्ट तैयार किया था। हालांकि, अभी ऐसा कानून नहीं बना है लेकिन राहुल गांधी का ये बयान एक नई बहस को दवात देता हुआ जरूर नजर आता है।