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15 करोड़ से अधिक बच्चे बाल मजदूरी करने को मजबूर: यूनिसेफ रिपोर्ट

यूनीसेफ ने भारत में काम करने वाले बच्चों के लिए गंभीर चिंता जताई 2020 तक 100 मिलियन से अधिक बच्चे बाल श्रम में फंसे रहेंगे

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More than 150 million children are forced to do child labor UNICEF

15 करोड़ से अधिक बच्चे बाल मजदूरी करने को मजबूर: यूनिसेफ रिपोर्ट

नई दिल्ली। आज दुनियाभर में विश्व मजदूर दिवस मनाया जा रहा है। आज ही के दिन दुनयाभर के मजदूरों ने एक होकर अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाई थी। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनीसेफ UNICEF ने भारत में काम करने वाले बच्चों के लिए गंभीर चिंता जताई है। बाल मजदूरी child labour पर यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 में 5 से 9 साल तक की उम्र के करीब 14.6 फीसदी बच्चे मजदूरी कर रहे थे, लेकिन साल 2011 में यह आंकड़ा बढ़कर 24.8 फीसदी हो गया। वर्तमान दरों पर ध्यान दें तो 2020 तक 100 मिलियन से अधिक बच्चे बाल श्रम में फंसे रहेंगे। एक तरफ हम जैसे युवा एसी ऑफिस में बैठकर अपनी तनख्वाह बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं आज भी दुनिया में करीबन 15 करोड़ नाबालिग बच्चे दुनिया में बाल मजदूरी करने को मजबूर हैं।

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यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दशक बाल मजदूरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है । रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में बाल मजदूरों की संख्या घटी जरूर है लेकिन अब भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वहीं दुनिया में ऐसे 71 देश हैं जहां बच्चों से मजदूरी करवाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ईंटें तैयार करने से लेकर मोबाइल फोन के पुर्जे बनाने तक के कई काम बच्चों से करवाए जाते हैं। इसमें कठिन करखानों में काम, फैक्ट्री, माल ढुलाई आदि जैसे काम और शामिल हैं। बता दें कि इस तरह के काम करने से एक साधारण बालक के शारीरिक विकास को खतरा रहता है। और साथ ही साथ पैसे कमाने के कारण बच्चे पढ़ाई से दूर हो जाते हैं।