
कसाब के मन में ऐसे भरा गया था भारत के खिलाफ जहर, लॉकअप में बताई थी ये बातें
मुंबई: 26 नवंबर, 2008 दिन-बुधवार। मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान से आए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने इस भयानक हमले को अंजाम दिया था। इनमें से एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा भी पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई। पूछताछ के दौरान कसाब ने ऐसी बातें बताई थीं, जिससे ये समझा गया था कि किस कदर उसका ब्रेनवॉश किया गया था।
पाकिस्तान में ऐसे किया गया था ब्रेनवॉश
28/11 की सुबह-सुबह जब कसाब को अजान सुनाई पड़ी, तो वह आश्चर्य में पड़ गया। वजह पूछी गई तो उसने कहा, 'पाकिस्तान में बताया गया था कि भारत में मुसलमानों को न तो नमाज पढ़ने दी जाती है और न ही वहां अजान होती है।' उसे बताया गया कि यहां मुसलमानों को किसी तरह की तकलीफ नहीं है और सभी अमन और चैन से रहते हैं। वह समझ गया कि उसका किस तरह ब्रेनवॉश किया गया था।
'मैं जिंदा नहीं रहना चाहता'
'मुझे लॉकअप में ही मार दो, मैं जिंदा नहीं रहना चाहता'। 26/11 केस की जांच से जुड़े इंस्पेक्टर निनाद सावंत के मुताबिक, क्राइम ब्रांच लॉकअप में पूछताछ के दौरान कसाब ने कहा था कि उसे लॉकअप में मार दो। वह जिंदा नहीं रहना चाहता, क्योंकि हमने उसे छ-कुछ वक्त पर ताज, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, ट्राइडेंट होटल, सीएसटी में मारे गए सभी आतंकवादियों के मरे हुए फोटो दिखाए। इन फोटो को देखकर वह सदमे में आ गया और बोला— अरे, ये तो मर गए, तो फिर मैं क्यों जिंदा हूं?
Published on:
26 Nov 2018 11:34 am
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