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एक पुजारी बना अरबपति बिजनेसमैन, ज्‍योतिष ने ऐसे बदलकर रख दी किस्मत

एक पुजारी से लेकर अरबपति बिजनेसमैन बनने के सफर के बारे में नरेंद्र रावल ने अपनी किताब में बताया है।

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Priya Singh

Aug 16, 2018

narendra rawal fortune teller who became millionaire of kenya

एक पुजारी बना अरबपति बिजनेसमैन, ज्‍योतिष ने ऐसे बदलकर रख दी किस्मत

नई दिल्ली। गुजरात के स्‍वामीनारायण मंदिर में पुजारी से करीब 65 करोड़ डॉलर का बिजनस खड़ा करने वाले गुजराती व्‍यवसायी नरेंद्र रावल को अफ्रीका के कई लोगों के लिए 'गुरु' के समान हैं। एक पुजारी से लेकर अरबपति बिजनेसमैन बनने के सफर के बारे में नरेंद्र रावल ने अपनी किताब में बताया है। अफ्रीका में गुरु के नाम से पहचाने जाने वाले नरेंद्र जब भारत से केन्या गए तो उन्होंने स्टील फैक्ट्री में वर्कर के रूप में काम शुरू किया था। आज के समय में नरेंद्र रावल केन्‍या के राष्‍ट्रपतियों और समाज के अन्‍य गणमान्‍य लोगों के लिए हस्‍तरेखा और ज्‍योतिष के विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं। रावल का कहना है कि, साल 1983 में केन्‍या के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डेनिअल अरप मोई के साथ नाकुरु में उनकी मुलाकात हुई, जिसके बाद वो केन्या में जा बसे।

रावल की हस्‍तरेखा और ज्‍योतिष में रूचि होने की वजह से उन्हें केन्‍या के स्‍टेट हाउस में आने का आमंत्रण दिया गया इसके बाद राष्‍ट्रपति मोई के राजनीतिक सलाहकार बन गए। रावल की सटीक भविष्‍यवाणी ने उन्‍हें कई राजनेताओं में लोकप्रिय बना दिया एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस समय उनका स्‍टील और सीमेंट का व्यवसाय है जिसका टर्नओवर 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। रावल ने हाल ही में केन्‍या में अपनी आत्‍मकथा, 'गुरु ए लांग वॉक टु सक्‍सेज' लांच की। उनकी किताब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना संदेश भी भेजा। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र रावल ने कसम खाई है कि वे अपनी आधी जायदाद को गरीबों में दान कर देंगे। उन्होंने अपनी वसीहत में इस बात का ज़िक्र किया है कि "मैं अपनी जायदाद में से अपने बच्चों के लिए 50% रखूंगा और अन्य 50% केन्या में दान कर दिया जाए।