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गणित के ये 7 सवाल बना देंगे आपको मालामाल, जवाब देकर जीत सकते हैं करोड़ों रुपए

क्ले मैथमैटिक इंस्ट्रीट्यूट (CMI) ने गणित के ऐसे ही 7 सवाल बनाए हैं। इन सवालों को हल करने के लिए 10 लाख डॉलर यानि करीब 6 करोड़ रुपए का का ईनाम रखा है। एक रूसी गणितज्ञ ग्रिगोरी पेरेल्मान ने साल 2002—2003 में प्वाइनकरे अनुमान को सिद्ध किया था।

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दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो नए आइडिया, नए शोध और कई बार सिर्फ रोमांच के लिए करोड़ों के ईनाम वाली प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होता है। इनमें लोगों को लाखों-करोड़ों के ईनाम दिए जाते है। हम आपको आज एक ऐसी ही प्रतियोगिता के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप भी खुद को गणित के विद्धान समझते हैं तो आप इन सवालों का जवाब देकर करोड़ों रुपए जीत सकते हैं। दरअसल, क्ले मैथमैटिक इंस्ट्रीट्यूट (CMI) ने गणित के ऐसे ही 7 सवाल बनाए हैं और इन सभी सवालों का जवाब देकर आप करोड़ों रुपए जीत सकते हैं।

सवाल सुलझा कर जीते 6 करोड़ का इनाम
क्ले मैथमैटिक इंस्ट्रीट्यूट ने गणित के सवालों को हल करने के लिए 10 लाख डॉलर यानि करीब 6 करोड़ रुपए का का ईनाम रखा है। इंस्ट्रीट्यूट ने 7 सवाल रखे है और हर सवाल के लिए 10 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है। जो भी इन सवालों को सुलझाएगा उसे करीब 6 करोड़ का इनाम मिलेगा। सवालों की जानकारी क्ले मैथमैटिक्स इंस्ट्रीट्यूट की वेबसाइट पर है।

ये हैं वह 7 मिलेनियम प्रॉब्लम
क्ले मैथमैटिक इंस्ट्रीट्यूट की स्थापना वर्ष 1998 में अमरीका के एक बिजनेसमैन क्ले ने की थी। वर्ष 2000 में गणित के 7 सवालों को अनाउंस किया गया था, जिन पर करोड़ों का ईनाम घोषित किया गया। गणित की ये प्रॉब्लम Riemann hypothesis, P versus NP problem, Birch and Swinnerton-Dyer conjecture, Hodge conjecture, Navier-Stokes equation, Yang-Mills theory, और Poincaré conjecture हैं।

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रूसी गणितज्ञ ने सिद्ध किया था प्वाइनकरे अनुमान
एक रूसी गणितज्ञ ग्रिगोरी पेरेल्मान ने साल 2002—2003 में प्वाइनकरे अनुमान को सिद्ध किया था। इसके लिए उन्हें फील्ड्स पदक और सहस्राब्दी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, लेकिन उन्होंने इन पुरस्कारों को स्वीकार नहीं किया। ग्रिगोरी ने Thurston's Geometrization Conjecture का प्रमाण इंटरनेट पर प्रकाशित किया था।

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नहीं लिया पुरस्कार
प्वाइनकरे अनुमान Thurston's Geometrization Conjecture का एक परिणाम है। इसके लिए रूसी गणितज्ञ को 2006 में फील्ड्स पदक से सम्मानित किया गया था। हालांकि उन्होंने यह पुरस्कार लेने से मना कर दिया था। बता दें कि प्वाइनकरे अनुमान एक सहस्राब्दी पुरस्कार समस्या था और इसे साबित करने के लिए पेरेल्मान को 2010 में सहस्राब्दी पुरस्कार (दस लाख अमरीकी डॉलर) भी सम्मानित किया गया था लेकिन उन्होंने इसे भी स्वीकार नहीं किया। उनका कहना था कि उन्हें पैसे और प्रसिद्धि में दिलचस्पी नहीं है।