
पार्लर से आने वाली इस गंध से हो सकता है कैंसर, एक शोध में हुआ चौकाने वाला खुलासा
नई दिल्ली।अमरीका ( America ) की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर की एक टीम ने हाल ही में शोध किया है जिसमें खुलासा किया गया है कि नाखून पार्लरों में हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों बेहद खतरनाक होता है। नाखून पार्लरों में हवा में प्रदूषण मोटर वाहनों के गैरेज के बराबर होता है। इस प्रदूषण के कारण पार्लर में काम करने वाले लोगों को कैंसर होने, सांस लेने में परेशानी और त्वचा में जलन का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है. शोध में छह नाखून पार्लरों में आसानी से वाष्प या गैस में तब्दील होने वाले कार्बानिक यौगिकों (वीओसी) पर करीबी नजर रखी गई। इस व्यवसाय में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे बताने वाला पहला शोध है।
शोध करने वाली टीम के मुताबिक, नाखून पार्लरों में काम करने वाले कर्मियों के स्वास्थ्य को फर्मैल्डहाइड और बेंज़ीन जैसी गैसों से उत्पन्न प्रदूषकों के कारण अधिक खतरा होता है। अमरीका पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने पता लगाया है कि कैंसरकारी यौगिक के लंबे वक्त तक संपर्क में रहने से 'ल्यूकेमिया' और 'हॉडगिकिंग्स लिंफोमा' जैसे कैंसर होने का काफी खतरा बढ़ जाता है।
टीम के मुख्य शोधार्थी लुपिता मोन्टोया का कहना है कि यह अध्ययन इस बारे में पुख्ता जानकारी देता है। शोध के अनुसार, इस तरह का वातावरण कर्मचारियों के लिए खतरनाक है और उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर नीतियां बनाने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि वह कुछ साल पहले एक पार्लर में गई थी, जहां इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों की तीखी गंध से वह परेशान हो गई थी। शोधार्थियों ने कहा कि पार्लर जाने वाले लोगों पर इसका खतरा कम है लेकिन गर्भवती महिलाओं या अस्थमा के रोगियों को इससे खतरा हो सकता है।
Published on:
09 May 2019 10:40 am
बड़ी खबरें
View Allहॉट ऑन वेब
ट्रेंडिंग
