
Nirbhaya Case 7 Years
नई दिल्ली। आज 16 दिसंबर को निर्भया से हुई दरिंदगी के मामले के 7 साल हो गए, लेकिन देश को अब भी न्याय का इंतजार है। निर्भया के दोषियों को फांसी के तख्त तक पहुंचाने की मांग जोरों पर है। सबको दया याचिका के खारिज होने का इंतजार है। ऐसे में दोषियों के हौंसले भी टूटने लगे हैं। वे अचानक से गुमसुम हो गए हैं। उन्होंने बैरक से निकलना कम कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अब दोषी एक या दो बार ही अपने सेल से निकलते हैं। वे ज्यादातर समय अकेले ही बिता रहे हैं ।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए निर्भया के दोषियों पर इस वक्त कड़ी नजर रखी जा रही है। उनके हावभाव पर लगातार सबकी नजरें हैं। जेल नंबर-दो में पवन, मुकेश और अक्षय बंद है, वहीं विनय जेल नंबर-चार में है। बताया जाता है कि सभी दोषियों की दिन में दो बार स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक दोषियों की फांसी में कोई चूक न रह जाए इसलिए पिछले चार दिनों से फांसी घर में डमी को फंदे पर लटकाने का अभ्यास किया जा रहा था। जेल प्रशासन फांसी के समय किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए अभी से पूरी तैयारियां कर रहे थे। हालांकि अभी इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। जेल प्रशासन की ओर से ये प्रैक्टिस डेथ वारंट जारी होने के पहले दोबारा की जाएगी।
Updated on:
16 Dec 2019 08:52 am
Published on:
16 Dec 2019 08:51 am
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