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कोरोनावायरस: 465 साल पहले हो गई थी इस महामारी के फैलने की भविष्यवाणी, 2020 को बताया था तबाही का साल

पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस से अब तक 3,000 से भी ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत।

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नई दिल्ली। आज से 465 वर्ष पहले ये भविष्यवाणी की गई थी कि दुनिया में कोई ऐसी महामारी फैलेगी जिससे इंसानों पर बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा, और कोई ऐसा वैश्विक नेता उभरेगा जिसका वर्चस्व पूरी दुनिया में कायम होगा। यह भविष्यवाणी की थी फ्रांस के प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने, तो कहीं यह भविष्यवाणी कोरोना के रूप में फैसी महामारी पर सही तो नहीं हो रही है। और जिस तरह से पूरी दुनिया चाहे वो सुप पॉवर अमेरिका हो या फ्रांस हर किसी ने भारत से हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन के रूप में मदद मांगी है, और भारत इस मानवीय कार्य को अंजाम भी दे रहा है इससे तो 465 साल पहले की गई भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है।

नास्त्रेदमस की 15वीं शताब्दी में की गई भविष्यवाणी में कई रहस्मई वाक्यों का उपयोग किया गया था। जिसे क्वाट्रेन्स (चौपाई) कहा जाता है जानकार इस महामारी को उसी बीमारी का रूप मान रहे हैं और नास्त्रेदमस की उस भविष्यवाणी को कोरोना वायरस से फैली महामारी के रूप में देख रहे हैं। सन 1981 में एक थ्रिलर उपन्यास "द आइस ऑफ डार्कनेस" में भी वुहान-400 नामक वायरस का जिक्र किया गया था, उपन्यास में लेखक डीन कोन्टोज़ ने भी अपने उपन्यास में जैविक हथियार बनाने के लिए लैब में वायरस तैयार करने की बात लिखी थी, जो इस समय काफी चर्चा में है। और अमेरिका चीन पर सवाल उठाता रहता है, जिससे चीन शक के दायरे में आ गया है।

नास्त्रेदमस की बात करें तो उन्होंने 2 मिनट 53 सेकेंड की एक चौपाई में किसी बीमारी के महामारी के रूप में फैलने की बात कही थी, उसमें ये ज़िक्र किया था कि यह बीमारी समुद्र किनारे बसे एक शहर से फैलेगी, अगर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पर गौर करें तो चीन का वुहान शहर समुद्र के किनारे बसा है और वहां सीफूड का बहुत बड़ा मार्केट है। दुनियाभर में तेजी से अपने पैर पसार रहे कोरोना के बारे में जान कर ऐसा लगता है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी कहीं सही तो नहीं हो रही है?