दीना, मोहम्मद अली जिन्ना की इकलौती बेटी थीं। लेकिन दीना को अपनी राजनीतिक विरासत और साहसिक फैसलों से कम अपने पिता से टकराव के लिए काफी जाना जाता है। दीना वाडिया का जन्म 15 अगस्त 1919 को हुआ था। वह मोहम्मद अली जिन्ना और रति बाई पेटिट की बेटी थीं दीना ने जन्म से ही अपने माता-पिता को हैरान करना शुरू कर दिया था। उनका जन्म उस समय हुआ थ जब जिन्ना और उनकी पत्नी सिनेमा में एक फिल्म देख रहे थे। अपनी मां के जैसे ही रूपरेखा पाने वाली इस लड़की ने जब मां के धर्म के लड़के से शादी करनी चाही, तो पिता ने इसका घोर विरोध किया। कहा जाता है कि दीना की मां पारसी थीं और जिन्ना से शादी करने के लिए उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया था। जिन्ना भी यही चाहते थे कि वो इस्लाम में अपनी शादी करे।
लेकिन दीना एक गैर-मुस्लिम लड़के को दिल दे बैठीं थी। और जब शादी की इच्छा जाहिर की तो पिता इसके लिए तैयार ना हुए। जिन्ना ने नेविले के मुस्लिम ना होने की वजह से इंकार कर दिया, लेकिन दीना ने अपने पिता को यह बात याद दिलाई कि उनकी मां भी एक पारसी महिला ही थीं। तो क्यो नही कर सकती वो शादी?
नेविले भले ही धनी व्यक्ति थे लेकिन उनमें दो बड़ी खामियां यह थी कि वो धर्म से पालसी थे दूसरा उनके पिता सर नेस वाडिया भारत में मशहूर कपड़ा उद्योगपति थे। और भारत में ही रहते थे। पिता के लाख मना करने के बाद भी दीना ने नेविले वाडिया से शादी रचा ली और भारत आने को तैयार हो गई। इतना ही नही जिन्ना ने आजादी के बाद दीना को पाकिस्तान आने के लिए भी कहा लेकिन दीना ने पति और ससुराल वालों को छोड़कर आने से मना कर दिया। और देश दो भागों मे विभाजित हो गया। बेटी के पाकिस्तान ना आने से जिन्ना का बहुत बड़ा झटका लगा। कुछ साल बाद जब दीना ने पिता से मिलने की कोशिश की, तो उन्हें वीजा नहीं दिया गया।