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फेक अलर्ट: NRC लागू होने पर असम में घर से उठाए जा रहे हैं लोग? यहां जानिए वीडियो की सच्चाई

सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है वीडियो असम का बताया जा रहा है वायरल वीडियो को

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People are not being taken from homes in Assam when NRC is implemented

People are not being taken from homes in Assam when NRC is implemented

नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) को लेकर जमकर बवाल हुआ। वहीं विपक्ष इस मुद्दे को छोड़ने का नाम नहीं ले रही। लेकिन कुछ उपद्रवियों ने देशभर में जमकर बवाल काटा और सरकारी और गैर-सरकारी संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया। वहीं इन सबके बीच अब सोशल मीडिया पर नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानि NRC को लेकर एक बड़ा दावा किया जा रहा है। चलिए जानते हैं क्या है मामला।

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ये है दावा

दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर एक वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में लेती हुई नजर आ रही है। वहीं वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानि NRC लागू होने के बाद वहां लोगों को उनके घरों से उठाया जा रहा है। फेसबुक यूजर Dawate Islami Siwan ने इस विडियो के साथ लिखा 'असम में NRC लागू, लोगों को घरों से उठाना शुरू हो चुका है, न्यूज़ वाले आपको यह नहीं दिखाएंगे क्योंकि वे बिक चुके हैं। अब हमारी और आपकी जिम्मेदारी है इस विडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की।'

सच्चाई क्या है

हमने इस वायरल वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो असम नहीं बल्कि, तेलंगाना के हैदराबाद का है। ये वीडियो उस वक्त का है जब सीएए के विरोध में 19 दिसंबर 2019 को आयोजित किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान हैदराबाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। इस वीडियो का असम और NRC से कोई लेना देना नहीं है। वीडियो में 'Azad Reporter' नाम से वॉटरमार्क दिख रहा है। ऐसे में हमने जब Azad Reporter के इंस्टाग्राम अकाउंट पर पड़ताल की तो हमें ठीक वैसा ही वीडियो मिला, जिसे असम का बताकर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है 'हैदराबाद एग्जिबिशन ग्राउंड, जो कोई भी प्रदर्शन में शरीक हो रहे हैं उनको अरेस्ट किया जा रहा है।' ऐसे में पड़ताल में हमने पाया कि असम और NRC को लेकर जो दावा किया जा रहा है वो गलत है क्योंकि ये वीडियो हैदराबाद का है।