हालांकि पेर ने ऐसा कोई भी गैर-कानूनी काम नहीं किया, जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल पेर ने बहारीह के साथ ईरान जाने से पहले नॉर्वे के पीएमओ को किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं दी थी। इसके साथ ही पेर अपनी पर्सनल ट्रिप पर ऑफिशियल मोबाइल फोन भी साथ ले गए थे। पेर द्वारा की गई इन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। क्योंकि ये कोई छोटी-मोटी गलती नहीं बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से काफी बड़ी गलती थी।
गौरतलब है कि नॉर्वे की खूफिया एजेंसियों के मुताबिक चीन और रूस ही नहीं बल्कि ईरान भी उनकी जासूसी कराने वाला देश है। पेर को अपनी इस गलती की वजह से विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ खुद की पार्टी की भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। नॉर्वे के पीएम अरना सोलबर्ग ने पेर के लापरवाह रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उनका इस्तीफा देना ही सही है। पीएम ने पेर की गलतियों को पूरी तरह से गैर-ज़िम्मेदाराना बताया। पीएम ने कहा कि पेर को कैबिनेट ने एक ज़िम्मेदारी भरा पद दिया था, जिसके बावजूद उन्होंने घटिया हरकत की।