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‘बुलाती है मगर जाने का…’ से इंटरनेट सेंसेशन बनें थे राहत इंदौरी, उनके ये 5 शेर हुए जमकर वायरल

Famous Poet Rahat Indori Death : दिल का दौरा पड़ने की वजह से राहत इंदौरी का हुआ निधन उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की भी हुई पुष्टि, उन्होंने अपनी जिंदगी में कई एक से बढ़कर एक शायरियां लिखी हैं

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Famous Poet Rahat Indori Deat

नई दिल्ली। मशहूर शायर (Famous Poet) राहत इंदौरी (Rahat Indori Died) को उनके बेबाक अंदाज और कटाक्षपूर्ण शायरियों के लिए जाना जाता था। लफ्जों को मोतियों की तरह धागे में पिरोकर पेश करने की उनकी कला वाकई अद्भुद थी। उन्होंने बॉलीवुड मूवीज में गाने के बोल देने के अलावा कई उम्दा शायरियां लिखी। इंटरनेट पर भी उनकी शायरियां काफी वायरल (Viral) हुईं। "बुलाती है मगर जाने का...", शायरी तो आज भी लोगों की जुबा पर हैं। इस पर खूब मीम्स भी बनें, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए। दुनिया को अपनी शेर-ओ-शायरी से रोमांचित करने वाले राहत इंदौरी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार रात उनका इंतकाल हो गया। उनमें कोरोना वायरस की भी पुष्टि हुई।

1.राहत इंदौरी का लिखा ये शेर, "बुलाती है मगर जाने का नईं। वो दुनिया है उधर जाने का नईं।" काफी पॉपुलर हुआ। इंटरनेट पर इस पर कई मीम्स और चुटकुले बनाए गए। वहीं कई अन्य कवियों एवं गीतकारों ने इस लाइन का इस्तेमाल कर अलग नज्में लिख डाली। टिक टॉक से लेकर इंस्टाग्राम तक के वीडियोज में लोगों ने राहत इंदौरी के इस शेर पर जमकर वीडियोज भी बनाएं।

2.राजनीति की दुनिया में मची उठापठक को देखते हुए राहत इंदौरी ने, मेरी ख़्वाहिश है कि आंगन में न दीवार उठे। मेरे भाई मेरे हिस्से की ज़मी तू रख ले। शेर लिखा था। लोगों को उनकी ये लाइनें काफी पसंद आई थी। जिसके चलते इसे अक्सर लोग मैसेजेज में भेजते हैं।

3.राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने, बनके एक हादसा बाजार में आ जाएगा, जो नहीं होगा वह अखबार में आ जाएगा, चोर, उचक्कों की करो कद्र कि मालूम नहीं, कौन कब कौन सी सरकार में आ जाएगा। शेर लिखा था। उनका ये कटाक्ष लोगों को काफी पसंद आया था। चुनावी दौर में ये शेर इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था।

4.अपने विचारों को खुलकर पेश करते हुए राहत इंदौरी ने, सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में। किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है। शेर लिखा था। उनका ये बेबाक अंदाज और सधी हुई लाइनें लोगों को काफी पसंद आई थीं। इसलिए उनका ये शेर मैसेज के जरिए काफी सर्कुलेट हुआ।

5.जिंदगी के फलसफे को लफ्जों के जरिए बयां करने के लिए राहत इंदौरी ने, मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो। आसमान लाये हो ले आओ ज़मीन पर रख दो। शेर लिखा था, ये भी इंटरनेट की गलियों में काफी पॉपुलर हुआ था।