अब इटली में कोरोना से हुईं मौतों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यहां की कई एजेंसिया सरकार के आंकड़ो को संदेह की नज़रों के साथ देख रही है। चीन और ब्रिटेन ( UK ) की तरह ही इटली ( Italy ) में भी मौतों के आंकड़ों में हेर-फेर किए जाने की बात खूब जोर पकड़े हुए हैं।
हालांकि इस मामले के तूल पकड़ने के बाद ब्रिटेन ( Britain ) ने मौतों के आंकड़े में करीब 4000 की संख्या बढ़ाकर इस विवाद को निपटाने की कोशिश की है। इटली ( Italy ) ने कोरोना संक्रमण से करीब 32 हज़ार मौतें होने का आंकड़ा दुनिया को बताया है।
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इसके बाद गुरुवार को इटली के नेशनल सोशल सिक्यॉरिटी एजेंसी ( National Social Security Agency ) ने कहा है कि इन मौतों का आंकड़ा बताई गई संख्या से 19,000 तक अधिक हो सकता है। आपको बता दें कि INPS इटली की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा और कल्याण एजेंसी है।
एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा है कि सरकार के आंकड़ों पर भरोसा करना मुमकिन नहीं है क्योंकि मौतों की संख्या में इतना बड़ा अंतर नहीं आ सकता। एजेंसी ने एक स्टडी के जरिए बताया कि बीते मार्च-अप्रैल में इटली में कुल 156,429 मौतें हुई थीं। यह संख्या इटली में 2015 से 2019 के बीच इन महीनों में हुई औसत मौत से 46,909 ज़्यादा है।
इनमें से केवल 27,938 मौतों को ही सिविल प्रोटेक्सन एजेंसी ने कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से जोड़ा गया है जो संशय कि स्थिति पैदा करता है। इन्हीं में से 18,971 मौतें सामान्य से ज्यादा हैं, जिनकी छानबीन होना बेहद ज़रूरी है। एजेंसी के बयान के मुताबिक ये सभी मौतें उन इलाकों में दर्ज की गई हैं, जिस जगह से सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए थे।
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सरकार का कहना है कि ये 18,971 मौतें उन इलाकों में खासकर उत्तरी इटली में बिना संक्रमण के हुईं हैं जहां संक्रमण का कहर सबसे ज्यादा था। INPS का कहना है कि बढ़ी हुई मौतों को केवल कोरोना से नहीं जोड़ा जा सकता लेकिन लोग कोविड 19 के मरीज़ों के कारण ही हेल्थकेयर सेवाएं नहीं ले पा रहे थे क्योंकि अस्पतालों में उनके अलावा जगह ही नहीं थी।