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Corona काल के बीच 150 साल बाद देखी गई सबसे बड़ी दुर्लभ तितली, पूरी तरह हो चुकी थी विलुप्त

Highlights- भारत में लगभग 1500 विभिन्न प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं- इस बीच ब्रिटेन में सबसे दुर्लभ तितली (Rare butterfly) की प्रजाति देखी गई है- खास बात यह है कि यह तितली की प्रजाति (Butterfly species) 150 सालों में पहली बार नजर आई है

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Corona काल के बीच 150 साल बाद देखी गई सबसे बड़ी दुर्लभ तितली, पूरी तरह हो चुकी थी विलुप्त

Corona काल के बीच 150 साल बाद देखी गई सबसे बड़ी दुर्लभ तितली, पूरी तरह हो चुकी थी विलुप्त


नई दिल्ली. तितली (butterfly) कीट की श्रेणी में आने वाला एक जीव है जो विभिन्न रंगों में पाया जाता है। इसके रंग बिरंगे पंख हर किसी को आकर्षित करते हैं। इसकी खूबसूरती हर किसी को पसंद आती है। भारत में लगभग 1500 विभिन्न प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं। इस बीच ब्रिटेन में सबसे दुर्लभ तितली (Rare butterfly) की प्रजाति देखी गई है। खास बात यह है कि यह तितली की प्रजाति (Butterfly species) 150 सालों में पहली बार नजर आई है।

150 सालों बाद तितली की हुई वापसी

जानकारी के मुताबिक यह तितली की सबसे बड़ी नीली प्रजाति है। द गार्डियन (The guardian) के मुताबिक 1979 में इस नीले रंग (Blue Butterfly) की तितली को पूरी तरीके से विलुप्त घोषित कर दिया गया था, वहीं इसके बाद द नेशनल ट्रस्ट (The National Trust) के लगातार प्रयासों के बाद इस प्रजाति ने पुनः वापसी की है।

दी गई थी 867 एकड़ की जमीन

जानकारी के मुताबिक इस नीले रंग की तितली को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए पिछले साल रोडबोरो कॉमन (Roadborough common) में 867 एकड़ की जमीन दी गई थी ताकि यह तितलियां वहां सुरक्षित रख सके।

यह संख्या में 750 तितलियां है

कोरोना काल के बीच इस साल गर्मियों में 150 साल बाद यह दुर्लभ लिया नजर आई है। यह संख्या में लगभग 750 तितलियां हैं।इसके लिए टीम ने पहाड़ी के घास के मैदान को इन तितलियों के अनुरूप बनाया, जिसके बाद पिछले शरद ऋतु में 1,100 लार्वा पैदा हुए।

ब्रिटेन में ही बड़ी संख्या में आई नजर

चार दशकों बाद विश्व भर में विलुप्त हो चुकी ये तितली अब सिर्फ ब्रिटेन में ही बड़ी संख्या में नजर आ रही है। ब्रिटेन में इस दुर्लभ तितली की वापसी निश्चित रूप से दुनिया भर में सबसे सफल कीट प्रजनन परियोजना है।

माना जा रहा है सबसे बड़ी उपलब्धि

एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर जेरेमी थॉमस और डेविड सिमकोक्स ने कई साल का तितली की ब्रीडिंग को लेकर अध्ययन किया। ऐसा करने के लिए, उन्हें पहले इस तितली के अनूठे जीवनचक्र को समझा जिसके बाद सफलतापूर्वक अपना काम शुरू किया। दुर्लभ तितली का वापस आना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं माना जा रहा है।