
Coronavirus Treatment
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavius Treatment) का इलाज ढूढ़ंने में दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसमें प्लाज्मा थेरेपी को कारगर माना जा रहा है। इसमें संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के खून से लिए जाने वाले एंटीबॉडी (Antibodies) से संक्रमितों का इलाज किया जाता है। अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों को एक और कामयाबी मिली है। उन्होंने दक्षिण अमेरिकी स्तनधारियों लामाओं (Llamas) में ऐसे दो एंटीबॉडी की पहचान करने का दावा किया है जिससे कोरोना वायरस के असर को समाप्त किया जा सकता है। ये दावा 'नेचर स्ट्रक्चरल एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी' नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस खास जानवर के शरीर में पाए जाने वाले एंटीबॉडी का नाम 'नैनोबॉडीज' है। ये प्रोटीन एसीई2 के साथ अंतःक्रिया को रोककर कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के साथ संक्रमण (Virus) को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। लामाओं से प्राप्त एंटीबॉडी की क्षमता का परीक्षण किया गया। इस सिलसिले में बेल्जियम के वीआईबी-यूजेंट सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी और अमेरिका के ऑस्टिन में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस पर शोध किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने ये रिसर्च 4 साल पहले सार्स और मेर्स वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने के लिए शुरू की थी।
लामा और ऊंट की अन्य प्रजातियों के खून में स्टैंडर्ड एंटीबॉडी बनाने की क्षमता होती है। इसलिए शोध के दौरान 4 साल के लामा के शरीर में सार्स (SARS) और मेर्स (MERS) वायरस की सुरक्षित डोज दी गई थी। इसके बाद उने खून के सैंपल की जांच की गई। इसमें से एंटीबॉडी अलग की गईं। शोध में पता चला कि इन जानवरों के शरीर में पाई जाने वाली एंटीबॉडी काफी शक्तिशाली है। ये एंटीबॉडी नोवेल कोरोना वायरस के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं। विंटर लामा के एंटीबॉडी ऊम्दा किस्म के पाए गए, इसलिए इसे नैनोबॉडी नाम दिया गया है।
Published on:
14 Jul 2020 01:43 pm
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