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बंदरों पर नहीं हुआ COVID-19 का असर, वैज्ञानिकों का दावा टीका बनाने में हो सकते हैं मददगार

Research on Monkeys : हार्वर्ड के बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर के वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च ने की शोध रिकवर हो चुके बंदरों पर दोबारा किया गया था प्रयोग

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Soma Roy

May 21, 2020

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Research on Monkeys

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण (COVID-19 Virus) से छुटकारा पाने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च में लगे हुए हैं। अब उन्होंने बंदरों पर एक प्रयोग किया है। जिसके रिजल्ट सकारात्मक पाए गए हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक COVID-19 के साथ नौ बंदरों (Monkeys) को संक्रमित किया गया। उनके ठीक होने के बाद दोबारा उन्हें वायरस के संपर्क में लाया गया, लेकिन इस बार वे बीमार नहीं हुए। उन्होंने अपने शरीर में इम्यून पावर को मजबूत कर लिया। इससे कोविड-19 का टीका बनाने में मदद मिल सकती है।

बोस्टन में हार्वर्ड के बेथ इजराइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर के वायरोलॉजी एंड वैक्सीन रिसर्च के एक शोधकर्ता डॉक्टर दान बारच ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कहा कि बंदर अपने शरीर में प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित करते हैं, जो फिर से वायरस के संक्रमण से उन्हें बचाते हैं। दूसरे अध्ययन में, बार्च और उनकी टीम ने छह प्रोटोटाइप टीकों के साथ 25 बंदरों का परीक्षण किया। उन्होंने प्रयोग में देखा कि क्या वाकई वायरस के साथ शरीर की प्रतिक्रिया होने पर विकसित हुई एंटीबॉडी सुरक्षात्मक हैं या नहीं। इसी मकसद से उन्होंने इन बंदरों और 10 नियंत्रण वाले जानवरों पर SARS-CoV-2 के संपर्क में लाए।

टीके से जानवर हुए सुरक्षित
डॉ.बरोच ने बताया कि टीका लगाए गए जानवरों में सुरक्षा ज्यादा देखने को मिली। आठ जानवर सुरक्षित पाए गए। शोध में पाया गया कि जानवरों की नाक और फेफड़ों में वायरस की अधिक संख्या दिखाई दी। इससे पता चलता है वायरस शरीर के किन हिस्सों को ज्यादा प्रभावित करता है।