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Solar Eclipse 2020: जानें सूर्यग्रहण के समय क्यों किया जाता है तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल?

भारतीय समयानुसार ( Solar Eclipse 2020 India Timing ) सुबह 9:15 से ग्रहण शुरू हो जाएगा, जो 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगा। लेकिन सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse ) का सूतक काल 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल 20 जून की रात 10 बजे से शुरू हो जाएगा।

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Vivhav Shukla

Jun 20, 2020

solar eclipse 2020 why tulsi leaves are used in eclipse

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Solar Eclipse 2020: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) आषाढ़ कृष्ण अमावस्या रविवार यानी 21 जून को लगेगा। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2020) भारत सहित कई देशों में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा। ग्रहण के समय सूर्य वलयकार की स्थिति में 30 सैकंड तक ही रहेगा। इस दौरान आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दिन में तारे टिमटिमाते नजर आएंगे। कुछ क्षणों के लिए दिन में रात नजर आएगी।

ये इस साल का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण भी है। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य (Sun), चंद्रमा (Moon) और पृथ्वी (Earth) तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं और सूर्य को पूरी तरह से ढंक लेता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) होने की वजह से ही दिन में अंधेरा हो जाता है । धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चंद्र ग्रहण के कुछ दिन बाद पड़ रहा है।

12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगा सूतक काल

सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse ) का सूतक काल 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल 20 जून की रात 10 बजे से शुरू हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का मध्‍य 12 बजकर 24 मिनट दोपहर पर होगा। भारतीय मानक समयानुसार, सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और शाम 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। पूर्ण ग्रहण को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर देखा जा सकेगा। हालांकि इस ग्रहण को नग्न आखों से देखना नुकसानदाय हो सकता है।

ग्रहण के दौरान बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है

ग्रंथों के मुताबिक ग्रहण को अशुभकाल माना जाता है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान धरती पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है इसलिए ग्रहणकाल के समय तुलसी का प्रयोग करना चाहिए। तुलसी के प्रयोग से घर की शुद्धि हो जाती है साथ ही ग्रहण के बाद आई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक तुलसी दोषों का नाश करने वाली होती है, इसलिए नेगेटिव ऊर्जा खत्म करने के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जाता है।

तुलसी के पत्तों हैं फायदेमंद

कहा जाता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद परिवार के सभी लोग इस स्नान जरूर कहना चाहिए। नहाने से पहले पानी वाली टंकी में या बाल्टी में तुलसी के पत्तों को डाल दें। कहते हैं कि ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है और साथ ही लक्ष्मी का वास सदैव बना रहता है।

सेहत के लिए वरदान है तुलसी

ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार तुलसी सेहत के लिए भी वरदान मानी गई है। तुलसी में कई बीमारियों से लड़ने के गुण है। क्यों कि इनमें पारा पाया जाता है। पारा किसी भी तरह की किरणों का कोई असर नहीं होता है। ये ग्रहण के समय पैराबैंगनि किरणें को निष्क्रिय कर देता है।

नोट: (ये सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित हैं। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है)