नई दिल्ली। ताजमहल (Taj Mahal) को दुनिया में प्यार की निशानी के तौर पर जाना जाता है। मुमताज की याद में मुगल शहंशाह शाहजहां ने इसे 17वीं सदी में बनाया था। तब से लेकर आज तक इस अनोखे और खूबसूरत इमारत के दीदार को दुनिया भर से लोग आते हैं। दो दिवसीय दौरे पर भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald TRump) भी अपनी पत्नी, बच्चों और दामाद के साथ ताजमहल की खूबसूरती को निहारेंगे। इसी खास मौके पर ताजमहल को खूब चमकाया जा रहा है। देश में ऐसा पहला मौका है जब ताजमहल में रखे कब्र (tomb) की भी सफाई कराई जा रही है।
52 साल की उम्र में डोनाल्ड ट्रंप को हुआ था मेलानिया से प्यार, जानें उनकी मोहब्बत की दास्तां ताजमहल को बने करीब 300 से ज्यादा साल गुजर चुके हैं। इसकी चमक को बरकरार रखने के लिए कई बार इसके बाहरी हिस्सों का रंग-रोगन किया गया है, लेकिन मुमताज और शाहजहां के प्रतीकात्मक कब्र को कभी हाथ नहीं लगाया गया। मगर ट्रंप के आने के मौके पर पहली बार कब्र को भी चमकाया जा रहा है। इसके लिए मड थैरेपी (Mud Therapy) का इस्तेमाल किया गया है।
जानकारों के मुताबिक कब्र को पहले डिस्टिल वॉटर से धुला जाएगा। इसके बाद इस पर क्ले की एक मोटी परत चढ़ाई जाएगी। ये ट्रीटमेंट महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने वाले फेस पैक पैकेज से लिया गया है। पुरातत्व विभाग की ओर से रेप्लिका कब्र को चमकाए जाने की अनुमति दी गई है। चूंकि असली कब्र प्रतीकात्मक कब्र के नीचे है और इसकी एंट्री की ऊंचाई महज 5 फीट है। ऐसे में ट्रंप असली कब्र को नहीं देख सकेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे से पहले उनकी सिक्योरिटी टीम ने ताजमहल का मुयाना किया था। जिसमें उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते ट्रंप असली कब्र को देखने के लिए नहीं झुक सकते हैं। ऐसे में वे प्रतीकात्मक कब्र को ही देखेंगे।
Home / Hot On Web / 300 साल में पहली बार ताजमहल के कब्र की सफाई, मड थैरेपी से फूंकी गई जान