
चिड़िया का घोंसला बचाने के लिए 35 दिन तक अंधेरे में रहा पूरा गांव, जानें पूरा माजरा
नई दिल्ली।
यह कहानी है तमिलनाडु ( Tamil Nadu Story ) के शिवगंगा जिले में स्थित एक गांव की, जहां एक चिड़िया के घोंसले ( Bird Nest Story ) को बचाने के लिए 35 दिन तक पूरा गांव अंधेरे में रहा। गांव वालों ने 35 दिन तक लाइट नहीं जलाई और अंधेरा ही रखा। दिल छू लेने वाली यह घटना अब सोशल मीडिया ( Social Media ) पर वायरल हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, गांव में जिस बोर्ड से स्ट्रीट लाइट ( Street Lights ) जलती थी, वहां एक पक्षी ने अपना घोंसला बना लिया। पक्षी ने उस घोंसले में अंडे ( Eggs in Nest ) भी दे दिए। ऐसे गांव वालों को इस बात का डर था कि कहीं स्विचबोर्ड का इस्तेमाल करते समय पक्षी के अंडे ना फूंट जाएं। ऐसे में घोंसले और चूजों को बचाने के लिए गांव वालों ने निर्णय लिया कि जब तक बच्चे बड़े नहीं हो जाते, तब तक स्विचबोर्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
कुछ लोगों ने किया विरोध
दरअसल, लॉकडाउन ( Lockdown ) के दौरान स्विचबोर्ड के अंदर एक पक्षी ने घोंसला बनाकर उसमें अंडे भी दे दिए। जब लोगों ने देखा तो उसमें तीन नीले और हरे रंग के अंडे मौजूद थे। घोंसले की तस्वीर गांव के व्हाट्सऐप ग्रुप में वायरल हो गई। देखते ही देखते पूरे गांव में चर्चा शुरू हुई। हालांकि, इस बीच कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। लेकिन पंचायत की अध्यक्ष एच कालीश्वरी भी इस मुहिम में शामिल हो गईं। ऐसे में निर्णय लिया गया कि कोई भी स्विचबोर्ड का प्रयोग नहीं करेगा और ना ही लाइट जलाएंगे।
35 दिन तक अंधेरे में रहा गांव
विरोध के बावजूद गांव वालों ने फैसला लिया कि कोई भी लाइट नहीं जलाएगा। बता दें कि 35 दिन तक गांव अंधेरे में रहा। लेकिन, खुशी की बात है कि अब पक्षी और उसके बच्चे सुरक्षित हैं और घोंसले में नहीं है। इस पहल के बाद लोग गांव वालों को सलाम कर रहे हैं। यह खबर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।
Updated on:
25 Jul 2020 05:13 pm
Published on:
25 Jul 2020 05:08 pm
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